बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ नारा सिर्फ पोस्टरों और दीवारों पर सजा ही अच्छा लगता है। डिजिटल इण्डिया की सच्चाई और इसके नाम पर खर्च हो रहे लाखों रूपये की पोल खोल के रख दी उत्तराखण्ड की इस बेटी ने, थत्यूड़ से यमुनोत्री में पढ़ाई करती इस बालिका की ये तस्वीर जो अपने सपनो को पूरा करने के लिए पहाड़ी शिक्षा तंत्र को भेदती हुई । उत्तराखंड के नेताओ व अधिकारियों के जो भी अच्छे दिन हो पर इस बालिका का जज्बा एक दिन उत्तराखंड का नाम जरूर रोशन करेगा । उत्तराखंड के हालात केवल ऊपरी सतह पर बदले है पहाड़ पर झांकने वाली नज़रो का इंतजार आज भी उम्मीद लगाए सड़क किनारे युही पढ़ाई करते हुए न जाने कितने मासूम कर रहे होंगे।जिन हालातों में ये बच्ची पढ़ाई कर रही है उससे तरस इस बच्ची के हालातों से अधिक तरस तो सिस्टम पर आ रहा है। जहां सिस्टम में काम कर रहे लोगों के बच्चे तो शहरों में रहकर अंग्रेजी के महंगे स्कूलों में सभी सुविधाओं के साथ पढ़ाई कर रहे हैं
सौजन्य-:फोटो पवन नेगी के फेसबुक वॉल से
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक