उत्तराखण्ड की संगीता ने जलया आत्मनिर्भर का दिया,बेरोजगार महिलाओ को सिखाती है रोजगार के साधन, हर साल दीपावली की पूजा के लिए नयी लक्ष्मी- गणेश मूर्तियां (पीओपी से बनी) खरीदते हैं और पुराने लक्ष्मी -गणेश को या तो विसर्जित कर देते हैं या फिर कहीं मंदिर के पेड़ के नीचे छोड़ कर इनसे पीछा छुड़ा लेते हैं जिससे कि न सिर्फ़ मंदिर वाले परेशान रहते हैं बल्कि सनातन धर्म का भी अपमान होता है । अतः इसी समस्या के समाधान स्वरूप हम गोबर से लक्ष्मी -गणेश की मूर्तियां बना रहे हैं ताकि पूजा के बाद किसी पानी से भरे बर्तन में विसर्जित कर गमले में डाल देंगे तो ये खाद का काम करेंगे ।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक