नरेंद्र पिमोली
ऋषिकेश:-16 साल के इंतजार के बाद अब आमजन के लिए खुल गया है मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ,यम्केश्वर विधायक रितु खंडूरी तमाम लोग करेंगे कार्यक्रम में शिरकत। टिहरी को पौड़ी से जोड़ने के लिए ₹55 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ जानकी सेतु। जानकी सेतु के बनने से पलायन पर लगेगी रोक व्यापारियों के चेहरे पर खुशी की लहर।
ऋषिकेश मुनिकीरेती क्षेत्र में 14 वर्ष बाद जानकी सेतु का सपना साकार हुआ है. जी हां 2006 में मुख्यमंत्री रहे एनडी तिवारी के द्वारा स्वर्ग आश्रम और मुनि की रेती को जोड़ने के लिए जानकी सेतु बनाने का ऐलान किया गया था. लेकिन राजनीतिक उठापटक के कारण इस पुल को बनने में 14 वर्ष लग गए अब जाकर जानकी सेतु बनकर तैयार हो गया है. आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जानकी सेतु का लोकार्पण किया और लोगों को इसकी सौगात मिलेगी.कैलाश गेट के पास बनाये गये जानकी सेतु का निर्माण 2006 में शुरू होना था. जिस समय इस पुल को बनाने की स्वीकृति मिली थी उस समय 15 करोड़ का एस्टीमेट इसके लिए पास किया गया था. लेकिन एनडी तिवारी की सरकार जाने के बाद मुख्यमंत्री बने बीसी खंडूरी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. जिसके बाद इस पुल का काम लटक गया. हालांकि एक बार फिर 2012 में कांग्रेस की सरकार बनी तो 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने एक बार फिर से जानकी सेतु को बनाने का निर्णय लिया. इसके लिए बजट रिवाइज कर 33 करोड़ रुपये का बजट पास किया गया. हरीश रावत ने नहीं दिया ध्यान, त्रिवेंद्र सरकार ने कराया पूराहालांकि कुछ समय तक कार्य होने के बाद एक बार फिर इस पुल का कार्य अधर में लटक गया. क्योंकि विजय बहुगुणा की कुर्सी जाने के बाद हरीश रावत ने प्रदेश की कमान संभाली. हरीश रावत ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. इस उठापटक के बाद अब वर्तमान में बनी भाजपा की सरकार के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस ओर ध्यान दिया. इसको बनाने के लिए एक बार फिर बजट को बढ़ाकर लगभग 49 करोड़ रुपये किया गया. इस तरह 14 वर्ष बाद अब जानकी सेतु बनकर तैयार हुआ है
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक