मेरि प्यारी-प्यारी भूलि, दल बदलनक हैबेर पैलिक मैं त्वैंकें आपड़ि चेलि मानछी। जदिन विधानसभा में शक्ति परीक्षण छी, मैंकें अन्तिम दमतक यो भरोस छी कि सोमेश्वरक म्यरि चेलि, म्यर बगल में आबेर हाथ ठाड़ करैलि और कैलि कका चिंता नीं करो मैं छौ न, खैर हरी-हरी कागजों में बड़ि ताकत छ और आजिलै तुम भल काम करछा मैं क खुशी हौं।
जब मैल आपण उत्तराखण्डी वस्त्र-आभूषणों कें प्रोत्साहित करनक लीजि एक प्रतियोगिता आपुण फेसबुक पेज में ऑनलाइन आयोजित करि, विक बाद बेटा तुमौलि सरकारि तौर पर विक प्रकारक प्रतियोगिता आयोजित करी छ तो म्यर मन बटि निकलो शाबाश बेटा, एलें तूमौल निराश्रित बच्चों कें अडॉप्ट करनेक जो योजना हम शुरू करछि, उकें अघिल बड़ा मकें भौत खुशी भैं, मगर टेक होम राशन वालाक टेंडर करबेर बेटा बै भूलि बनी रेखाज्यू यह महापाप हैगो।
महिलाओं बटि काम छिनबेर तुम मशीन और ठेकेदारक भरोसल हमर पोष्टाहार स्कीमक मूल उद्देश्य खतम करौंहोंछा, कजां-2 पप्पू ज्यूक राय कैं उथां-उथां कर दियो। अब तुम्हर मुख बै शराब वालि बात सुनबेर बड़ अजीब लागौ। वीर और पराक्रम क धरती बौरारौ ताकुला घाट, देश क आजादीक धरती चनौदा-सोमेश्वर, बड़-बड़ हमर मान-सम्मान बड़नी थोकदारौंक, जमिदारौक, किसान, यांक बौरारौक दिव्य लोग उनैरि धरती में आज घर-घर शराब पहुचौनक काम को करोहोरौं? ऐललै आजि चुनाव छः महैन दूर छैं, उस्ताज ज्यूल कई लोगोंक घरों में शराब धर राखी, कभै वक्त पै काम आल कबेर। चेलि-बेटि अघिल बड़ौं मगर जो कुछ अखबारों में आरौ, पैलि ल आ, वै बे पैलि लै आ, मैंल कभी न उठा, मैं तुम्हरि मजबूरीकै समझनौं, मगर तुमैरि मजबूरी उत्तराखंडकी मजबूरी बनजाओ, सोमेश्वर क मजूबरी बनजाओ, अल्मोड़ाक मजबूरी बनजाओ, यो मैंकें पसंद न छ, बेटा मैं यस न हौंद्यों, ज्याकलिजी मैंल टेक होम राशन वालमें आवाज उठैं और म्यर तुमकौं वादछ एक बेटे-बेटि क माध्यमल सारा उत्तराखण्ड कै म्यर वादछ यदि म्यर आंग में अवतार आग्यो तो मैं पांच सालक अन्दर हर महिला क हाथ में एक स्वरोजगार हौल, मैं उत्तराखण्ड क महिला आर्थिक सशक्तिकरण माॅडल बनौल, नौ जवानौक लिजी लै करूल, वो एक अलग विषय छ, लेकिन मैं मोहनरी दानी देवी क च्यल नै यदि मैल पांच साल क अन्दर में हर महिला क हाथ में एक स्वरोजगारी काम पकड़ाबेर उकैं घरैक आर्थिक शक्तिक केन्द्र बिन्दु न दियौ, बाकि चेलिक भगवान मालिक छ जी करल, मलिवाल क मर्जि जी हौलि, हौलो वी। लेकिन यौ म्यर मनक भाव छैं, तुम जथालै छा भल रैया, जतुक शक्ति हाथ में ऐंछ गलत झन करिया, जब गलत करला तो मैकें तकलीफ हौलि।
जय सोमेश्वर।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक