देहरादून: प्रीतम पवांर जब पहली बार उनको उत्तराखंड क्रांति दल के टिकट मिला,और 2002 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद, प्रीतम पंवार 2012 में भी यमुनोत्री से दोबारा चुनाव जीते और पहले विजय बहुगुणा और बाद में हरीश रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे इसके बाद प्रीतम पंवार ने 2017 का विधानसभा चुनाव निर्दलीय धनोल्टी विधानसभा से चुनाव लड़ा और वह भारतीय जनता पार्टी के नारायण सिंह राणा को हराकर तीसरी बार विधानसभा में पहुंचे 2012 में मंत्री रहते प्रीतम पंवार को उत्तराखंड क्रांति दल ने अपनी पार्टी से बर्खास्त कर अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारी थी। और आज प्रीतम पंवार ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम कर उत्तराखंड में क्षेत्रीय राजनीति की संभावना को एक प्रकार से छीण करने का काम किया है।
प्रीतम पंवार ने यमुनोत्री से उस दौर में कांग्रेस के टिकट पर लड़ने वाले है, जब केदार सिंह रावत को दो बार हराया और एक बार केदार सिंह रावत ने प्रीतम पंवार को हराया अब दोनों नेता भारतीय जनता पार्टी में है देखना है कि इन दोनों के बीच भारतीय जनता पार्टी किस प्रकार का सामंजस्य बिठाती है और नारायण सिंह राणा का क्या करती है।
प्रीतम पंवार के भाजपा में शामिल होने के बाद भाजपा के नेता नारायण सिंह राणा और धनोल्टी से पूर्व में विधायक रहे महावीर सिंह रांगड के राजनीतिक भविष्य पर बहुत बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि यह दोनों नेता कहां जाएंगे
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक