संस्कृति निदेशालय ने राज्य के विभिन्न कलाकारों के साथ ही साहित्य कलाकारों लेखकों को आजीविका उपावर्जन के लिए ₹3000 मासिक पेंशन देने का निश्चय किया है पेंशन योजना में शामिल होने के लिए पात्र आवेदकों को 25 जनवरी तक संस्कृति विभाग निदेशालय डालनवाला मैं आवेदन करना होगा, पेंशन सूची में आने के लिए जरूरी शर्तों में, कम से कम 60 वर्ष की आयु और राज्य के मूल स्थाई निवासी होने का शर्त रखी गई है इसके अलावा कलाकार साहित्यकार होना सिद्ध करने के लिए प्रमाण पत्र होना चाहिए और साथ में हाई स्कूल का प्रमाण पत्र भी होना चाहिए जिला प्रशासन की संस्कृति आवेदन पत्र के साथ देना होगा आवेदन संबंधी विस्तृत जानकारी www.uttarakhnd.culture.in पर भी देख सकते है
पूर्व निर्देशक आकाशवाणी, माधुरी बर्थवाल का कहना है,कि साहित्यकार और कलाकारों के लिये स्वर्णिम अवसर ! संस्कृति विभाग द्वारा प्रकाशित इस विग्यप्ति के अनुसार कोई भी साहित्यकार और कलाकार को आवेदन करना चाहिए, जागर गायक्, माँगल गायिकायें, ढोल दमौं वादक्, हुड़का वादक्, बाँसुरी, रणसिंहा, ढपली, डौंर-थाली वादक्, मशकबीन, शिणाई वादक सबको आवेदन करके प्रतिमाह पेंशन का लाभ लेना चाहिए, सभी लोगों को कलाकारों का सहयोग करना चाहिये, सुदूर ग्रामीण इलाकों में जहाँ कोई भी सूचना समय पर नहीं पहुंच पाती, उन सभी तक ये खबर पहुँचाकर आवेदन कराने में सहयोग कराना हम सभी का परम कर्तव्य है, आशा है सभी अपने गाँव और जानने वालों तक यह शुभ संदेश पहुंचाने में शामिल होंगे, हर ग्राम पंचायत के सम्मानित व्यक्तियों से भी अनुरोध करती हूँ कि अपने स्तर पर पूर्ण सहयोग करने की कृपा करें, हमारे लोक कलाकार घुटन में न रहें, सभी उनके सहयोग करने की कृपा करें, सभी का कोटि कोटि धन्यवाद !
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक