नरेंद्र पिमोली
उत्तराखंड में मनाए जाने वाले लोक-त्यौहारों में एक प्रमुख त्यौहार है हरेला। यह लोकपर्व हर साल ‘कर्क संक्रांति’ को मनाया जाता है। अंग्रेजी तारीख के अनुसार, यह त्यौहार हर वर्ष सोलह जुलाई को होता है। लेकिन कभी-कभी इसमें एक दिन का अंतर हो जाता है।बोये जाते हैं सात प्रकार बीज इस पर्व के लिये आठ-दस दिन पहले घरों में पूजा स्थान में किसी जगह या छोटी डलियों में मिट्टी बिछा कर सात प्रकार के बीज जैसे- गेंहूँ, जौ, मूँग, उड़द, भुट्टा, गहत, सरसों आदि बोते हैं और नौ दिनों तक उसमें जल आदि डालते हैं। बीज अंकुरित हो बढ़ने लगते हैं।
अच्छी खबर।
पर्यावरण संरक्षण का पर्व हरेला पहाड़ में सदियों से मनाया जाता रहा है। लंबे समय से मांग थी कि #हरेला पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाय। उत्तराखण्ड वासियो को खुशी है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने हरेला पर अवकाश घोषित करते हुए जनभावनाओं का सम्मान किया है। पहाड़ का ये पारम्परिक त्योहार दुनियाभर में अपनी धमक जमाएगा।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक