पहाड़ों में हुनर की कोई कमी नहीं है। आजकल सभी फास्टफूड की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं, मैदे से बने ये चाइनीज फास्टफूड सेहत के लिए बहुत हानिकारक होते हैं।अब डरने की बात नहीं है। अब इन सभी फास्टफूड को बनाने में कोदा का इस्तेमाल किया जा रहा है। कोदा के इस्तेमाल से कई फायदे होंगे।
ये लोगों को पहाड़ी अनाज से दोबारा जोड़ेगा। पहाड़ी उत्पादों की खपत बढ़ेगी। कोदा से लजीज व्यंजन बनेंगे तो लोग इन्हें सीखेंगे, इन्हें बेचेंगे, जिससे रोजगार मिलेगा, पलायन रुकेगा। स्वास्थ्य के लिए भी ये बेहद अच्छा है।
इस तरफ ध्यान दिया जाए तो कोदा और दूसरे पहाड़ी अनाजों को रोजगार का बेहतर जरिया बनाया जा सकता है।
मंडुआ आटे फायदेमंद
उत्तराखंड के देहरादून, कोटद्वार, पौड़ी और अन्य स्थानों पर कोदा के इस्तेमाल से केक, मोमोज और स्प्रिंग रोल बनाए जा रहे हैं, जिन्हें लोग खूब पसंद कर रहे हैं।
मोटापा घटाने के लिए डाईटिंग के दौरान रागी मंडुआ आटे फायदेमंद है। मंडुआ रागी में फैट की मात्रा कम होती है। …
रागी मंडुआ में 80 प्रतिशत कैल्श्यिम की मात्रा पाई जाती है। रागी / मंडआ हड्डियों में ऑस्टियोपोरोसिस होने से बचाने में सहायक है।
मंडुआ डायबिटीज पीड़िता के लिए उत्तम अनाज माना गया है।
माताओं में दूध की कमी होने पर रोज मंडुआ रोटी साग खाने से समस्या लगभग दूर हो जाती है। मंडुआ रोटी, हरी साग, अंगूर, दूध, फल खूब खायें। इससे माताओं में फोलिक एसिड, आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर, विटामिनस मिनरलस की पूर्ति आसानी हो जाती है। रागी मंडुवा एक तरह से नेचुरल टॉनिक का काम करता है।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक