बहुत ही गंभीर विषय। (मीनाक्षी घिल्डियाल)
आईएसबीटी अर्थात इंटर स्टेट बस टर्मिनल वह स्थान जहां से देश के अन्य राज्यों को सीधे बस सेवा चलती है।
देश के विभिन्न राज्यों से देहरादून की आईएसबीटी में बहुत सारे लोगों को आते हैं हम यह भी कह सकते हैं जो भी लोग देहरादून में पहला कदम रखते हैं यहां का बस स्टेशन उन लोगों के दिमाग पर जो छवि छोड़ता है, वह हमारे शहर की पहले छवि होती है और उसी को देख कर शहर के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता है । देहरादून मे आईएसबीटी की क्या हालत है एक बार अगर आप यहां जाएं तो आपको पता लग जाएगा कि सारे प्रदेश में सड़कों की क्या हालत है साफ सफाई की क्या हालत है।
सरकार एक ओर देहरादून शहर को स्मार्ट सिटी बनाने पर तुली हुई है मगर स्मार्ट सिटी के नाम पर पिछले 2 साल से हमने सड़कों की खुदाई ही देखी है आईएसबीटी के अंदर और आसपास के इलाके में कितनी गंदगी है यह किसी से छुपी नहीं हुई है मगर जिस तरीके से पिछले एक-दो साल से इस शहर के नुमाइंदे गहरी नींद में सोए हुए हैं उसे देख कर यह लगता है शहर की साफ सफाई सड़कों का निर्माण का काम नालियों का काम सब भगवान भरोसे चल रहा है, अगर आप ISBT के आसपास कभी आए आपको वहां पर पुलिस मुस्तैदी के साथ चालान काटती हुई तो दिख जाएगी, मगर सड़क के बीचो बीच खड़ी गाड़ियों के कारण जो जाम लगा होता है उनको हटाते हुए कभी नजर नहीं आएगी अगर आप 10 मिनट के लिए अपना वाहन फ्लाईओवर के नीचे खड़ा करें तो नगरपालिका आपसे शुल्क जरूर लेगी मगर, इसी फ्लावर के नीचे सैकड़ों की संख्या में अवैध लोग रह रहे हैं यह लोग कहां से आए हैं कौन है इसकी जानकारी भी शायद नगर पालिका और प्रदेश की सरकार को हो।
इन्होंने इस जगह को जिस तरीके से बंधक बना लिया है उससे सड़क पर चलने वाले और वाहनों के लिए मुश्किल हो रही है यह लोग सैकड़ों की संख्या में है इनमें कई स्त्री और पुरुष शामिल है यह लोग क्या काम करते हैं इसकी भी कोई जानकारी नहीं है कई लोग इनमें से भीख मांगने का काम करते हैं तो कई लोग अपाहिज लोगों की साइकिल पर भी दिख जाएंगे।
अगर आप सुबह-सुबह उधर से गुजरे तो आपको इनमें से कई लोग नशा करते हुए भी दिखाई देंगे। जिस तरह की की गंदगी इन लोगों ने वहां पर फैला दी है आप 10 मिनट वहां पर खड़े नहीं रह सकते यह लोग वहीं पर खाना बना रहे हैं वही कपड़े धो रहे हैं और उसी के आसपास मल मूत्र त्याग कर गंदगी कर रहे हैं।
अफसोस की बात यह है की वहीं से 20 मीटर की दूरी पर वाहन खड़ा करने पर जो नगर पालिका आपसे शुल्क ले रही है वह इन लोगों के बारे में कोई भी कदम नहीं उठा रही है। यहां पर अगर आप जाएंगे तो आपको देखने को मिलेगा कि यहां सैकड़ों की संख्या में छोटे-छोटे बच्चे हैं जोकि इधर उधर जाते रहते हैं और कभी भी वाहन की चपेट में आकर दुर्घटनाग्रस्त हो सकते हैं। सरकार को चाहिए अविलंब इन लोगों की पहचान की जाए यह लोग कहां से आए हैं यह लोग कौन हैं और इनके लिए रहने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए और इनको यहां से अविलंब हटाया जाए यह सुरक्षा की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक
वास्तव में पर्यटकों को स्मार्ट सिटी के दर्शन बस से उतरते ही हो जाते हैं, लगता है हम स्लम बस्ती में आ गये हैं.