ऊर्जा निगम ने बिजली के बिल का भुगतान नहीं करने पर पछुवादून के 90 सरकारी स्कूलों का बिजली का कनेक्शन काट दिया है। इससे छह जुलाई से स्कूल खुलने पर छात्रों को गर्मी में कक्षाओं में बैठना पड़ेगा। पछुवादून, जौनसार बावर के सरकारी विद्यालयों पर ऊर्जा निगम का 54 लाख रुपये से अधिक बिजली का बिल बकाया है,
उत्तराखंड ऊर्जा प्रदेश में ही बिजली संकट, जानिए क्या है इसके पीछे की असली वजह
ऊर्जा प्रदेश आजकल भारी बिजली संकट से जूझ रहा है। ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्र तक बिजली संकट से जूझ रहा है, जिसका असर अब उद्योग पर भी पढ़ने लगा है। बिजली कटौती को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अधिकारियों को लेकर की गई सख्ती के बाद यूपीसीएल एक्टिव नजर आ रहा है। अब राज्य को केन्द्र से उम्मीदें हैं। उत्तराखंड सरकार ने बिजली संकट के बीच केंद्र सरकार से गुहार लगाई है। उत्तराखंड ने केंद्र से सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराने और सेंटर पूल से मिलने वाला कोटा बढ़ाने की मांग की है। दावा किया जा रहा है कि सप्ताहभर में बिजली कटौती को और नियंत्रित कर दिया जाएगा। सरकार के लिए आने वाले दिनों में ओर मुश्किल बढ़ने वाली है चारधाम यात्रा भी शुरु होने वाली है। जिससे चुनौती बढ़ने वाली है।
हर जगह हो रही बिजली कटौती
उत्तराखंड में भीषण गर्मी के बीच बिजली संकट बड़ी चुनौती बनी हुई है। जिस वजह से बिजली कटौती भी हो रही है।
प्रदेश को वर्तमान परिस्थितियों में 100 मेगावाट बिजली की जरूरत है। ऊर्जा प्रदेश में विभिन्न परियोजनाओं से यहां 5211 मेगावाट बिजली पैदा होती है लेकिन राज्य कोटे के तहत 1320 मेगावाट बिजली ही मिलती है,
छात्रों को यह होगी परेशानी
जिन 90 स्कूलों के बिजली के कनेक्शन काटे गए हैं, वे सभी विकासनगर ब्लॉक के मैदानी क्षेत्रों में स्थित हैं। छह जुलाई से विद्यालय खुलने के बाद छात्र-छात्राओं को उमस भरी गर्मी में पेयजल संकट का भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में इन विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना के प्रभावित होने की आशंका भी बनी हुई है। इसके साथ ही विद्यालयों में स्मार्ट क्लास का संचालन भी ठप हो जाएगा। शिक्षकों को विद्यालय संबंधी सूचनाएं पोर्टल पर अपलोड करने में भी दिक्कतें आएंगी
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक