सचिव भारत सरकार लोकरंजन द्वारा आज प्रेम नगर स्थित रेशम फेडरेशन मुख्यालय पहुंचे जहां सचिव सहकारिता एवं पशुपालन डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम द्वारा सचिव भारत सरकार का स्वागत किया गया
इस दौरान सचिव भारत सरकार लोकरंजन द्वारा सेलाकुई मैं स्थित धागा करण इकाई रेशम धागा उत्पादन का अवलोकन किया गया
उसके पश्चात उनके द्वारा सेलाकुई मे स्थापित की जा रही इकाई और दून् सिल्क के रिटेल स्टोर, बुनाई कार्यशाला का भी अवलोकन किया गया।
इस अवसर पर सचिव सहकारिता डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम द्वारा सचिव भारत सरकार लोकरंजन को जानकारी देते हुए बताया कि के को-आपरेटिव रेशम फेडरेशन द्वारा ग्रोथ सेन्टर सेलाकुई में अपनी धागाकरण इकाई में रेशम धागे बनाने के लिये उपयोग मे लाये जा रहे रेशम कोया में से अवषेष सिल्क वेस्ट से पहली बार स्पन रेशमी धागा का उत्पादन काटघई पर प्रारम्भ कर दिया गया है, सहकारिता के वैल्यू एडिसन एवं कम्प्लीट वैल्यू चैन का मंत्र का यथार्थ में धरातल पर उतारने हेतु चरणवद्ध ढंग से एक पूर्ण व्यावसायिक मॉडल की दिशा में एक और कदम उठाते हुये एक प्रकार से कबाड़ से रेशमी धागा बनाने की संकल्पना को धरातल पर उतारा गया है,
इस इकाई के प्रारम्भ होने से जहां एक और 4 कुशल श्रमिकों को रोजगार प्राप्त होगा जिससे 1200 मानव दिवसो का सृजन होगा, वहीं फेडरेशन को अपने विविध उत्पादों के लिये स्पन धागे पर अन्य राज्यों पर निर्भरता समाप्त होगी एवं फेडरेषन को वर्ष में लगभग 8.00 लाख की अतिरिक्त आय प्राप्त होगी।
सचिव भारत सरकार लोकरंजन द्वारा सहकारिता के क्षेत्र में सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम और उनकी पूरी टीम द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की गई।
सचिव द्वारा भारत सरकार के सचिव लोक रंजन सचिव उत्तर पूर्व, को रेशम फेडरेशन द्वारा निर्मित उत्तरखंड की परम्परिक टोपी, रेशम की शॉल भेंट की गई।
इस अवसर पर अध्यक्ष अजीत चौधरी, निदेशक रेशम् आनंद यादव,
उप निदेशक प्रदीप कुमार जी, प्रबंधक मातबर कंडारी सहित शाशन के अधिकारी भी उपस्थित रहे
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक