ऐसी कौन सी मजबूरी थी, कि सरकार अपने ही फैसलों को एक-एक करके बदलना पड़ रहा है,साढ़े चार साल त्रिवेंद्र सरकार ने जो भी फैसले लिए थे वो सब धामी सरकार में वापस हो रहे है, जनता क्या सोचे कि साडे 4 साल जनता के साथ सरकार ने जनता को ठगने का काम तो नहीं किया अब चुनाव आते ही फैसले बदले जा रहे हैं, अब तो सरकार फैसले छोड़ो जीत के लिए कुछ भी कर सकती है.. किसान और ब्राह्मण समाज को तो खुश कर ही दिया है।अब बेरोजगार युवाओं के साथ सरकार कौन सा फैसला लेती है,
तीर्थपुरोहितों, हक- हकूकधारियों के सम्मान एवं चारधाम से जुड़े सभी लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए, मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने देवस्थानम बोर्ड अधिनियम वापस लेने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम के संबंध में वरिष्ठ भाजपा नेता मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया था। पिछले दिनों कमेटी ने मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपी। मुख्यमंत्री पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में एक मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन किया। उपसमिति में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और स्वामी यतीश्वरानंद को सदस्य बनाया। उपसमिति ने भी अब अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी थी ।
जिसके चलते आज देवस्थानम बोर्ड उत्तराखंड सरकार ने किया भंग,सीएम पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम बोर्ड को किया भंग,तीर्थ पुरोहित लंबे समय से बोर्ड को भंग करने की कर रहे थे मांग,जल्द उत्तराखंड के शीतकालीन सत्र में एक्ट को भी किया जा सकता है
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक