कर्नल अजय कोठियाल ने साधा सरकार पर निशाना कहा उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच परिसंपत्तियों का मामला आज 21 साल बाद भी नहीं सुलझ पाया है, जितनी भी सरकार आई अभी तक सबने इस विवाद को सुलझाने का दावा तो जरूर किया लेकिन हकीकत में ये विवाद आज भी जस का तस है।
2000 में जब हमारा उत्तराखंड राज्य बना था, तब उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और केंद्र में ट्रिपल इंजन यानी बीजेपी की सरकार थी और 2017 से अभी तक भी तीनों राज्यों में बीजेपी की ट्रिपल इंजन की सरकार ही है।
दिसंबर 2014 में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जी ने परिसंपत्ति विवाद को सुलझाने की बात कही थी
नवंबर 2020 में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत जी व यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने बाबा केदार के प्रांगण से मामला सुलझाने की बात कही थी
और अब फिर से मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जी भी मामले के समाधान की बात कर रहे हैं
अगर धामी जी आज समाधान की बात कर रहे हैं तो क्या त्रिवेंद्र जी और योगी जी ने बाबा केदार के प्रांगण से तब उत्तराखंड की जनता को झूठ बोला था?
क्यों दोनों भाजपा और काँग्रेस उत्तराखंड की भोली-भाली जनता को ठगने का काम कर रहे हैं?
आज 21 साल बाद भी हमारी 13 हजार हेक्टेयर भूमि यूपी के कब्जे में है
परिवहन विभाग की ₹700 करोड़ की संपत्ति आज भी यूपी के कब्जे में है, जबकि हमारा परिवहन विभाग लगातार घाटे में है
मनेरी भाली हाइड्रो प्रोजेक्ट में LIC से लिया गया ₹552 करोड़ का ऋण बकाया है
₹1200 करोड़ का पेंशन बकाया आज मिलना बाकी है
कुंभ क्षेत्र की 697 हेक्टेयर भूमि आज भी यूपी के पास है
21 साल बाद भी इस विवाद का नहीं सुलझना दोनों दलों की नाकामी को दर्शाता है
मैं पुष्कर सिंह धामी जी से मांग करता हूँ कि वो इस मामले में श्वेत पत्र जारी कर जनता के सामने पूरी ईमानदारी से अपनी बात रखें
उत्तराखंड की इन परिसंपत्तियों का समाधान होने से उत्तराखंड के प्रत्येक परिवार को मुफ्त बिजली व मुफ्त पानी की सुविधा आसानी से मिल सकती है, और हम जब सत्ता में आएंगे तो इन विवाद का समाधान भी करेंगे और जनता को मुफ्त बिजली व पानी भी देंगे
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक