उत्तराखंड की असली संस्कृति अभी भी ज़िंदा है इन लोकगीतों के माध्यम से दोनों उप्रेती बहनों ने आज भी अपनी संस्कृति को बचाने के लिए इनके द्वारा काफी प्रयास किये जा रहे है,
ज्योति उप्रेती ने कहा उत्तराखंड बहुत से गीत हमारे लोक संगीत में और हमारी संस्कृति में इतने गहरे रचे बसे रहते हैं कि वो हमारी पहचान बन जाते हैं। रचनाकार गीतों को जनम देता है उन्हें मधुर धुन प्रदान करता है लेकिन समय के साथ साथ बस कुछ लोग उस महान रचनाकार के नाम को जान पाते हैं जो सच में इन मधुर गीतों को रचता है।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक