जच्चा-बच्चा की सुरक्षा के लिए सरकार, कई जननी सुरक्षा योजना चला रही है, लेकिन पहाड़ के दूरस्थ इलाकों में महिलाएं आज भी खेतों-सड़कों पर प्रसव को मजबूर हैं। कई जगह अस्पताल पहुंचने के लिए गर्भवती महिलाओं को कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है,
कई जगह अस्पताल पहुंचने के लिए गर्भवती महिलाओं को कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है, तो कई गांव ऐसे हैं जहां बिजली की आपूर्ति न होने की वजह से टॉर्च की रौशनी में प्रसव कराए जा रहे हैं। टिहरी गढ़वाल में एक ऐसा ही एक मामला सामने आया है।
ये घटना बढ़ियारगढ़ क्षेत्र के चौरिखाल गांव की है। जहां देर रात एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी। घबराए हुए परिजनों ने तुरंत 108 सेवा को फोन किया। देर रात करीब 11 बजे जब तक 108 एंबुलेंस महिला के गांव पहुंची, तब तक वो एक बच्ची को जन्म दे चुकी थी। बताया जा रहा है कि गांव में लाइट नहीं थी।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक