अल्मोड़ा: पहाड़ की समस्याएं भी पहाड़ जैसी ही होते जा रही हैं, पहाड़ के गांव मे बेहतर इलाज न मिल पाने की वजह से कई विवाहित मासूम जिंदगियां रास्ते में ही दम तोड़ देती हैं. अल्मोड़ा के सल्ट क्षेत्र के देवायल निवासी एक गर्भवती महिला को रेफर करने के दौरान उसने रास्ते में दम तोड़ दिया. गर्भवती महिला को रेफर करने के लिए समय पर 108 एंबुलेंस नहीं मिल पाई. जिस कारण समय पर उपचार नहीं मिल पाने से उसकी मौत हो गई. मौत का जिमेदार कौन ये सवाल, सवाल ही रह जाता है पहाड़ की बेटी बुवारी दम तोड़ती रहती है, क्या कभी मिल पाएगी पहाड़ के ये रैफर हॉस्पिटलों से छुटकारा,वही सरकार लाखो रुपये प्रचार प्रसार में बर्बाद कर रही है, अगर सरकार वो पैसे से पहाड़ के हॉस्पिटलों में डॉक्टर रख दे तो होने वाली घटना कम हो सकती है,
गर्भवती महिला के परिजनों द्वारा 108 एंबुलेंस को फोन किया गया, लेकिन एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण परिजन गाड़ी बुक करवाकर रामनगर ले गए. लेकिन रामनगर अस्पताल में भी डाक्टरों ने महिला की गंभीर हालत को देखते हुए उसे हल्द्वानी रेफर कर दिया. हल्द्वानी ले जाते समय महिला की रास्ते में ही मौत हो गई. स्थानीय लोगों का कहना है कि 108 को फोन करने के बाद भी वह मौके पर नहीं पहुंची. जिस कारण समय पर उपचार नहीं मिलने से महिला ने दम तोड़ दिया. स्थानीय निवासी जीएस रावत ने इसको लेकर सीएम को शिकायती पत्र भी भेजा है. डाक्टरों के अनुसार महिला के पेट मे 2 जुड़वा बच्चे थे.
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक