नैनबाग (टिहरी), कोरोना के चलते थौल मेलों के लिए प्रसिद्ध जौनपुर के लोग इस बार राजशाही के जमाने से चला आ रहा मौण पर्व नहीं मना पाएंगे। जौनपुर में हर माह कोई न कोई लोक त्योहार मनाया जाता है। मेलों में यहां उमड़ने वाली भीड़ से इस बात का पता चलता है कि यहां के लोगों में लोग संस्कृति के प्रति कितना लगाव है। वहीं मेला न हो पाने के चलते क्षेत्र के ग्रामीण निराश हैं।
जौनपुर की लोक सस्कृती व ऐतिहासिक
राजशाही मैण मेला कोविड-19 के चलते निरस्त।
अगला नदी मौण मेला विकास समिति द्वारा कोविड 19 को लेकर सर्व सहमती से लिया फैसला।
जौनपुर की पौराणिक व स्थानीय लोक संस्कृति की धरोहर मे 114 गॉव के लोग लेते हिस्सा।
झ्स मेले को स्वयं टिहरी नरेश द्वारा 1861 में अगलाड नदी में स्वय पंहुच कर किया था शुरु
मौण मेला 1949 व 2013 में दैविक आपदा सहित तीसरी बार भी निरस्त हुआ है।कोरोना के चलते थौल मेलों के लिए प्रसिद्ध जौनपुर के लोग इस बार राजशाही के जमाने से चला आ रहा मौण पर्व नहीं मना पाएंगे
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक