मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने आज जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद में निर्देश दिए कि हर हाल में ‘सरकार जनता के द्वार’ परिकल्पना को साकार किया जाए। निर्देश दिए गए कि अधिकारियों का जनप्रतिनिधियों के साथ लगातार संवाद रहना चाहिए। जनता से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता दी जाए। जिनसे लोगों को सीधा लाभ मिले। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं का तत्काल समाधान हो इसके लिए बहुद्देशीय शिविरों का आयोजन किया जाए। तीरथ ने आगामी गर्मियों के सीज़न को देखते हुए निर्देश दिए कि लोगों को पेयजल की दिक्कत न हो। इसके लिए ज़रूरी होने पर वैकल्पिक व्यवस्थाएं भी कर ली जाएं। शिक्षा को राज्य सरकार की टाप प्रायोरिटी बताते हुए मुख्यमंत्री ने सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि अगले 6 माह में सभी स्कूलों में पेयजल, शौचालय, फर्नीचर, बिजली आदि सभी सुविधाएं हों। इसके लिए बजट की कोई कमी नहीं है। साथ ही जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए कि ई-गवर्नेस का प्रभावी क्रियान्वयन करें ताकि लोगों को वास्तव मे इसका लाभ मिले। छोटी-छोटी सेवाओं के लिए जनता परेशान न हो। जिलों में महत्वपूर्ण घटनाएं होने पर सरकार और शासन को जरूर अवगत कराएं। कोविड काल में लाकडाऊन के समय लोगों पर हुए मुकदमों को वापस लेने की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक