पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इन दिनों कुमाऊं भ्रमण मै है,. जहां पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ढोल-नगाड़ों के साथ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का जोरदार स्वागत किया, हरदा ने भी मौके पर मौजूद सभी लोगों से मुलाकात की.आज हरीश रावत ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार पर निशाना साधते साधते हुए पोस्ट लिखी
लगभग 5 दिन के इस भ्रमण के दौरान जनभावना को देखकर मुझे लगा कि यदि हम चुनावों में मोदी_फैक्टर को मिनिमाइज करने में सफल हो जाएं, उस असर को बहुत सीमा तक घटाने में सफल हो जाएं तो कांग्रेस की जीत सुनिश्चित है, क्योंकि स्थानीय_चेहरा बनाम स्थानीय चेहरे में कांग्रेसनित चेहरा जनता को प्रिय लग रहा है, बल्कि मैं एक कदम आगे बढ़कर के कहना चाहता हूंँ कि श्री मोदी_फैक्टर को न्यूनतम् प्रभाव तक सीमित करने के लिये आवश्यक है कि हम #राज्य के अंदर कुछ और चेहरों को जिला स्तर या 2 जिले, इस तरीके की चुनावी जिम्मेदारी सौंपकर उन चेहरों को चुनावी रणनीति का हिस्सा बनाएं, तो मोदी फैक्टर वाली भाजपा की रणनीति पूरे तरीके से ध्वस्त हो सकती है, क्योंकि श्री मोदी फैक्टर में #भाजपा का संगठनात्मक फैक्ट्रर और धन फैक्टर, दोनों बहुत प्रभावी अस्त्र बन जा रहे हैं, उसके मुकाबले के लिये हमारी रणनीति भी ऐसी होनी चाहिये जो भाजपा की चुनावी रणनीति की काठ बने या उसको उलझा करके उसके प्रभाव को कम करे। इस बहस में कुछ बहुत रचनात्मक बिंदु भी सामने आये हैं और कुछ हमारे दोस्तों ने अपने-अपने ढंग से विश्लेषण भी किया है, भाजपा में भी इस बात पर चर्चा प्रारंभ होने के बाद कुछ बेचैनी दिखाई दे रही है, क्योंकि माननीय मुख्यमंत्री जी ने भी वहीं #सलाह दोहराई है मेरे लिये, जो मेरे कई और मित्र भी मुझे दे रहे हैं कि मैं अब उम्र दराज हो गया हूँ, मुझे आराम की आवश्यकता है और भाजपा के #प्रवक्तागण भी अब मुझसे सवाल कर रहे हैं कि यदि विकास ही किया था, तो फिर #चुनाव क्यों हार गये? खैर मैं इस समय उनके इन बयानों का आनंद ले रहा हूंँ, क्योंकि मुझे लगता है कि मेरा मुख्यमंत्री के चेहरे वाला तीर, सही जगह पर लग रहा है और भाजपा में इस बात को लेकर कुछ व्यग्रता पैदा हो गई है।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक