चौखुटिया(अल्मोड़ा)। मां और मासूम बेटे के शव जब घर के आंगन से एक साथ उठे तो हर आंख नम हो गई। गमगीन माहौल के बीच दोनों के शवों का अंतिम संस्कार नदी के किनारे किया गया। मासूम बेटे को भू समाधि दी गई जबकि मां की चिता को मुखाग्नि दी गई। हृदय विदारक घटना से पूरे क्षेत्र में शोक छाया हुआ है। गांव में तो कई घरों में चूल्हे भी नहीं जले।
चौखुटिया क्षेत्र के ग्राम भटकोट निवासी गोविंद बिष्ट नोएडा, दिल्ली में एक निजी कंपनी में काम करते हैं। वे गाजियाबाद की खोडा कालोनी में आंबेडकरनगर की प्रकाशनगर कालोनी की गली नंबर चार में रहते थे। उनकी पत्नी तनुजा 24 वर्ष और तीन साल का मासूम बेटा प्रियांशु भी उनके साथ ही रहते थे। बताया गया कि दो दिन पहले ही प्रियांश का स्कूल में एडमिशन कराया गया था जिसके लिए तनुजा बुधवार को बेटे को कुछ सामान दिलाने के लिए बाजार जाने को निकली थी लेकिन दोनों गाजीपुर सीमा के पास नाले में बह गए थे। बाद में उनके शव बरामद हुए। दोनों के शव बीती रात करीब 12 बजे उनके गांव भटकोट लाए गए।
शव पहुंचते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण रिश्तेदार और अन्य परिचित घर पर संवेदना व्यक्त करने के लिए एकत्र हो गए। आज सुबह गांव के पास से होकर बह रही नदी के पास स्थित श्मशान घाट पर तनुजा के शव को मुखाग्नि देकर तथा मासूम प्रियांश के शव को भू समाधि देकर अंतिम संस्कार किया गया। दोनों को अंतिम विदाई के समय पूरा गांव ही नहीं बल्कि आसपास का क्षेत्र गम में डूब गया। इस दौरान तनुजा के ससुर गिरधर बिष्ट, सास पुष्पा देवी, जम्मू से पहुंचे सैन्यकर्मी जेठ, जेठानी, गांव में रहने वाले दो छोटे भाइयों और अन्य परिजनों की आंखों से आंसुओं की धारा बहती रही।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक