उत्तराखंड पहाड़ की विडंबना यह भी है, की पढ़ाई के साथ-साथ यहां बच्चियों को घर का सारा काम भी करना पड़ता है, जैसे घास काटना और खेतों में काम करना और मां-बाप भी डरा धमका के बच्चों से काम करवाते हैं,
उत्तराखंड: पहाड़ी से गिरे पत्थर, घास काटने गई छात्रा अनीता की मौत..गांव में मातम
पहाड़ में ऐसा मामला पहला नही है, हर साल पता नही उत्तराखण्ड में कितनी घस्यारी अपनी जान गवा रहे है,ये घटना चंपावत की है, यहां 15 साल की अनीता घास काट रही थी कि तभी पहाड़ से पत्थर गिरने से अनीता के सिर पर गंभीर चोट लग गई और अनीता सहन नहीं कर पाई, चोट लगने से लहूलुहान अनीता वहीं गिर पड़ी। पहाड़ में बारिश और पहाड़ों से गिर रहे बोल्डरों के चलते लगातार हादसे हो रहे हैं, जिनमें बेगुनाह पहाड़ के लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। कई जगह तो सड़क चलते लोग बोल्डरों की चपेट में आने से बाल-बाल बचे, लेकिन दुर्भाग्य से चंपावत की रहने वाली अनीता इतनी खुशनसीब नहीं रही।बीती रात पहाड़ से गिरे एक पत्थर ने अनीता की जान ले ली। बच्ची की मौत के बाद उसके घर में कोहराम मचा है। परिजनों के आंसू नहीं थम रहे। घटना लधियाघाटी क्षेत्र की है। जहां पहाड़ से गिरे विशाल पत्थर की चपेट में आने से पुत्री श्याम सिंह बोहरा, अनीता बोहरा मौत हो गई,देर शाम अनीता जानवरों के लिए घास लेने के लिए जंगल गई थी। वो घास काट रही थी कि तभी आसमान से पत्थर की शक्ल में आई मौत अनीता के सिर पर टूट पड़ी। पत्थर लगने के बाद लहूलुहान अनीता वहीं गिर पड़ी। इस बीच मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जुटने लगी।
अनीता अभी कक्षा 9 में पढ़ती थी। उसके सामने पूरी जिंदगी पड़ी थी, लेकिन एक हादसे ने सब खत्म कर दिया। परिवारवाले भी उस घड़ी को कोस रहे हैं, जब उन्होंने अनीता को घास लेने के लिए जंगल भेजा था। अनीता की मौत के बाद गांव में मातम पसरा है,
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक