चमोली -: शो पीस बन कर रह गया भाटियाणा मोटरमार्ग का ये पुल, एक करोड़ चौहत्तर लाख की लागत से बनने वाला पुल पर 4 साल बाद भी आवा जाही शुरू नही…..

Spread the love

सफ़ेद हाथी साबित हुआ मोटरपुल,pmgsy विभाग की लापरवाही आमजन पर भारी

उत्तराखंड मे निर्माणदायी संस्थाएं अक्सर ही निर्माण कार्यो मे लापरवाही के चलते चर्चाओ मे रहती है ,कुछ ऐसी ही लापरवाही का जीता जागता उदाहरण देखने को मिला नारायणबगड़ विकासखंड के रैंस भाटियाणा मोटरमार्ग के किमी 25 मे जहाँ विभाग की लापरवाही के चलते वर्ष 2019 मे एक करोड़ चौहत्तर लाख रुपये की लागत से निर्मित 30 मीटर स्पान गार्डर मोटरपुल निर्माण के साढ़े तीन साल बाद भी आवाजाही के लिए सुचारु नहीं किया जा सका और मोटरपुल अब तक इस मोटरमार्ग से जुड़ी एक बड़ी आबादी को लाभ पहुँचाने की बजाय केवल सफ़ेद हाथी ही साबित हुआ है
दरसल फिलहाल शोपीस बनकर रह गये इस मोटरपुल से सटी सडक किनारे pmgsy विभाग् ने मोटरपुल के निर्माण की जानकारी के लिए एक बोर्ड लगाया हुआ है बोर्ड के अनुसार मोटरपुल के निर्माण का कार्य वर्ष 2018 मे शुरु होने के बाद वर्ष 2019 मे समाप्त कर दिया गया बोर्ड के मुताबिक पुल पूरी तरह तैयार है और इस पर फिलिंग का काम पूरा कर इसे आवाजाही के लिए तैयार किया जा चुका है
लेकिन अब जरा ये तस्वीरे देखिये जिसे देखकर आप उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रो मे सडक निर्माण का कार्य कर रही pmgsy विभाग के अधिकारियों की करस्तानी को समझ पाएंगे और विभागीय अधिकारियों की लापरवाही का अंदाजा लगा पाएंगे
मोटरपुल बन कर तैयार हो चुका है लेकिन पुल के दोनो ओर फिलिंग न होने की वजह से वाहनों की आवाजाही अब भी मोटरपुल की बजाय बरसाती गधेरे को पार कर की जा रही है
लापरवाही का आलम ये है कि पुल निर्माण का कार्य पूरा होने के साढ़े तीन साल बाद भी विभाग पुल के दोनो छोरो पर स्टोन फिलिंग का कार्य पूरा नहीं करा पाया जिससे कोठली ,भाटियाणा ,कोट जैसे दर्जनों गांवो की आबादी को मोटरपुल का लाभ नहीं मिल पा रहा है और पुल महज शोपीस बनकर रह गया है
हालांकि विभाग की एक ओर बड़ी लापरवाही ये है कि विभाग ने सडक किनारे लगे बोर्ड पर मोटरपुल को लेकर जो जानकारी लिखी हुयी है विभाग के अभियंता टी एस कनवासी का बयान थोड़ा अलग है उनके मुताबिक मोटरपुल का निर्माण कार्य ही 2020 मे शुरु किया गया और 2022 मे मोटरपुल का निर्माण कार्य पूरा किया गया और अब इस पुल पर लोड टेस्ट किया जाना है जिसके बाद पुल को आवाजाही के लिए सुचारु किया जायेगा
लेकिन बड़ा सवाल यही है कि अगर विभाग द्वारा बोर्ड पर लिखी जानकारी सही है तो निर्माण कार्य अब भी अधूरा कैसे है और यदि पुल अब भी अंडरकंस्ट्रक्शन है तो फिर विभाग पिछले साढ़े तीन साल से क्यों गहरी नींद मे सोया था जो ठेकेदार से तय समय पर कार्य नहीं करवा पाया और निर्माण कार्य मे इस देरी के लिए विभाग ने ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की इसका भी विभाग के पास कोई जवाब नहीं है
फिलहाल विभागीय लापरवाही के चलते रैंस भाटियाणा मोटरमार्ग पर बना ये पुल आम जनता के लिए सफेद हाथी ही साबित हो रहा है

error: Content is protected !!
Powered & Designed By Dhiraj Pundir 7351714678