NSG कमांडो की गोली लगने से मौत: बेटे से एक दिन पहले आखरी बातचीत को याद कर मां बेसुध,
19 नवंबर को होनी थी शादी
एनएसजी कमांडो की दिल्ली में संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हो गई। मृतक का पार्थिव शरीर आधी रात बाद पहुंचने की संभावना बताई जा रही है। आज गुरुवार को सैनिक का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
‘तुम झूठ बोलाण छा, म्यर च्यल ज्यूण छै, बेइ ऊक फोन ऐर छि, कूनोछि ईजा तेरि ब्वारि भौते भलि छै’ यानी तुम झूठ बोल रहे हो, मेरा बेटा जिंदा है, कल ही उसका फोन आया था और कह रहा था कि तेरी बहू बहुत अच्छी है। यह शब्द हैं कमांडो की माता माधवी देवी के। बेटे की मौत की खबर सुनकर वह बेसुध हैं और बार-बार बेटे को याद कर रही हैं।
बिंदुखत्ता के खैरानी नंबर दो निवासी एनएसजी कमांडो नरेंद्र सिंह भंडारी ने मंगलवार को घर पर मां से आखिरी बार फोन पर बात की थी। मां माधवी से बात के दौरान वह बेहद खुश था। मां तेरी बहू बहुत अच्छी है, यह फोन पर मां से उसके आखरी शब्द थे जिन्हें याद कर अब माधवी घर में बेसुध पड़ी हैं। मां को यकीन नहीं हो रहा जिस बेटे को जल्द घर आना था, अब उसकी अर्थी आएगी। मां समेत अन्य परिजन घर में आने वाली नई बहू को लेकर बेहद खुश थे। पर पलभर में आई मनहूस खबर ने आने वाली शादी की खुशियों को मातम में बदल दिया। कमांडो की मौत से पड़ोसियों समेत गांव में मातम पसर गया है। किसी को यकीन नहीं हो रहा है कि अब नरेंद्र उनके बीच नहीं रहा। ग्रामीणों के अनुसार नरेंद्र सरल स्वभाव के साथ ही हर किसी की सहायता के लिए तत्पर रहता था
शादी के कार्ड भी बंट गए थे
कमांडो नरेंद्र की 19 नवंबर को शादी होनी थी। इसे लेकर घर में जश्न का माहौल था। सभी सगे संबंधियों और रिश्तेदारों को शादी का निमंत्रण भेज दिया गया था। घर में शादी की खरीदारी भी हो गई थी। अब इंतजार था बेटे के घर आने का।
एनएसजी कमांडो की दिल्ली में संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से हुई मौत
बिंदुखत्ता निवासी एनएसजी कमांडो की दिल्ली में संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हो गई। मृतक का पार्थिव शरीर आधी रात बाद पहुंचने की संभावना बताई जा रही है। आज गुरुवार को सैनिक का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
बिंदुखत्ता के खैरानी नंबर दो निवासी तीस वर्षीय एनएसजी कमांडो नरेंद्र सिंह भंडारी विगत 10 वर्षों से कुमाऊं रेजीमेंट अंतर्गत एनएसजी कमांडो के रूप में सेवारत थे। उनके पिता स्व गोपाल सिंह भंडारी भी पूर्व सैनिक रहे जिनका दो वर्ष पूर्व निधन हो गया था। नरेंद्र भंडारी के बड़े भाई यशवंत सिंह भंडारी बिंदुखत्ता में किसान है और मझले भाई माधो सिंह रेलवे में लोको पायलट के पद पर कार्यरत हैं। उनकी छोटी बहन हीरा भंडारी तथा मां माधवी देवी सहित पूरा परिवार बेसुध है।
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार विगत शाम लगभग 7 बजे दिल्ली में संदिग्ध परिस्थितियों में फायर ड्रिल के दौरान गोली लगने से सम्भवतः उनकी मौत हुई है। एनएसजी दस्ता नरेंद्र के पार्थिव शरीर को दिल्ली से उसके घर लाने की तैयारी में लगा हुआ है। इससे पूर्व वह कुमाऊं रेजीमेंट अंतर्गत जम्मू कश्मीर में अपनी सेवाएं दे रहे थे। आगामी 19 नवंबर को नरेंद्र की शादी होनी थी। उनकी शादी लोहाघाट निवासी युवती से तय हुई थी। जिसके कार्ड भी बट चुके है बताया जा रहा है कि आधी रात बाद नरेंद्र का पार्थिव शरीर घर पहुंचेगा। आज गुरुवार को पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ नरेंद्र की अंत्येष्टि की जाएगी। बताया जा रहा है कि नरेंद्र की मरने से एक घंटा पूर्व अपने परिजनों से शादी की तैयारी को लेकर विस्तृत बातचीत हुई तथा इसके बाद उसकी उसके दोस्तों से भी बात की थी लेकिन इस दौरान गोली लगने से नरेंद्र की मौत की घटना को लेकर परिवार में भी संशय बना हुआ है।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक