म्यर पहाड़ लोग जरा सावधान रया -: चार दिन तक छू बारिश- कुमाऊँ इन जिलों में खूब बारिश क अनुमान, मौसम विभागक जारी छू अलर्ट!…कुमाऊं पिथौरागड़ ब्रेकिंग-
भारत और नेपाल सीमा के करीब बहने वाली लास्को नदी में फटा बादल।
भारतीय सीमा पर धारचूला के खोतीला गांव में भारी तबाही।
रात 1 बजे की घटना बताई जा रही है
नदी का जलस्तर बढ़ने से हो रहा है, भू कटाव।
ग्वाल गांव व धारचूला मल्ली बाजार में घरों में घुसा पानी।
सीमा पार नेपाल में कई मकान बहने की सूचना।
बागेश्वर और नैनीताल ज़िलों को लगातार चार दिनों तक अलर्ट पर रखा गया है. रेस्क्यू एजेंसियों को भी अलर्ट किया गया है. देहरादून में भी फिर मौसम इस हफ्ते के आखिर में मुसीबत बन सकता है. देखें अपडेट्स.
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि 11 तारीख तक उत्तराखंड में मौसम खराब रहेगा, खासकर कुमाऊं मंडल के ज़िलों में बेहद भारी बारिश का पूर्वानुमान है. उन्होंने यह भी कहा कि 11 सितंबर को देहरादून में झमाझम बारिश होने के भी अनुमान हैं. आज गुरुवार को जिन पांच ज़िलों में मूसलाधार बरसात हो सकती है, उनमें नैनीताल, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत और पिथौरागढ़ के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है. अगले तीन दिनों के लिए भी ज़िलेवार चेतावनी इस तरह दी गई है:
बागेश्वर और नैनीताल ज़िलों को लगातार चार दिनों तक अलर्ट पर रखा गया है. रेस्क्यू एजेंसियों को भी अलर्ट किया गया है. देहरादून में भी फिर मौसम इस हफ्ते के आखिर में मुसीबत बन सकता है. देखें अपडेट्स.
एक बार फिर उत्तराखंड के खास तौर से पूर्वी हिस्से में आफत की बारिश की स्थिति बन रही है. बागेश्वर और नैनीताल ज़िलों को लगातार चार दिनों तक अलर्ट पर रखा गया है. तमाम रेस्क्यू एजेंसियों को भी अलर्ट किया गया है. देहरादून में भी एक बार फिर मौसम इस हफ्ते के आखिर में मुसीबत बन सकता है. देखें तमाम अपडेट्स.
देहरादून. उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम करवट लेने के मूड में है. पहाड़ों में आज 8 सितंबर को बहुत भारी या मूसलाधार बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग की मानें तो कम से कम पांच ज़िलों में आफत की बरसात होने की पूरी आशंका है. यही नहीं, आज गुरुवार से करवट बदल रहे मौसम के ये तेवर रविवार तक जारी रहने वाले हैं. मौसम केंद्र ने 11 सितंबर तक के लिए ज़िलेवार चेतावनी जारी करते हुए लोगों, प्रशासन, यात्रियों और खेती किसानी से संबंधित एडवाइज़री जारी की है.
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक