लापता तीन श्रमिकों के शव बरामद, अब तक सात की गई जान, एक की तलाश जारी
: शुक्रवार को भारत-चीन सीमा पर स्थित सीमांत जिले चमोली के माणा के पास भीषण हिमस्खलन में 54 मजदूर फंस गए थे। इसमें सात लोगो की जान चली है।
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उत्तराखंड के चमोली जिले में चीन सीमा पर हुए हिमस्खलन की घटना ने सबको झकझोर दिया। यहां सीमा पर बीआरओ के 54 श्रमिक थे जो हिमस्खलन की चपेट में आए। इसमें से 54 को निकाला गया, जिसमें सात मृतक हैं। वहीं, एक की तलाश अब भी जारी है। घायलों को जोर्तिमठ सेना अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
शुक्रवार को चमोली में हुए हिमस्खलन में फंसे मजदूरों का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है । रेस्क्यू ऑपरेशन के तीसरे दिन बचे 4 मजदूरों की खोज की जा रही थी जिसमें से आज दोपहर बाद 3 की बॉडी मिली है । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे है । रविवार को सीएम धामी ने राज्य आपदा केंद्र पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया है आलाधिकारियों से रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी लेने के बाद सीएम धामी ने कहा सेना, ITBP, SDRF, NDRF समेत जिला प्रशासन जोर शोर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटा है । उन्होंने बताया राज्य सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है । अब आधुनिक उपकरण जैसे विक्टिम लोकेटिंग और थर्मल इमेज कैमरे की मदद से अब बाकी बचे मजदूरों को ढूंढा जाएगा । आपको बता दे बीते दिनों चमोली जिले के माण गांव के निकट हिमस्खलन के कारण 55 मजदूरों की बर्फ में दबने की सूचना आई थी । जिसमें 50 लोगों को निकला जा चुका है । अभी तक 7 लोगों की मृत्यु हो गई है। बचे 5 लोगों में से एक व्यक्ति पूर्व में बिना बताए छूटी में घर चला गया था । श्रेष्ठ 1 मजदूर को ढूंढने का प्रयास किया जा रहा है।
पांच कंटेनर ट्रेस, तीन बर्फ में दबे
पांच कंटेनरों को ट्रेस कर श्रमिकों को सुरक्षित निकालने में राहत और बचाव दलों को सफलता मिली है। अत्यधिक बर्फ होने के कारण तीन कंटेनर ट्रेस नहीं हो पा रहे हैं। आर्मी, आईटीबीपी द्वारा इन कंटेनरों का पता लगाने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। कंटेनरों ने तलाश के लिए आर्मी के स्निफर डाग्स की तैनाती की गई है। सेना की तीन टीमों द्वारा सघन पेट्रोलिंग की जा रही है। दिल्ली से सेना का ग्राउंड पेनीट्रेशन रडार (जीपीआर रडार) मंगाया गया है, जो बर्फ के अंदर कंटेनरों को ट्रेस करने में मदद करेगा।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक