ओ बाँज झुपर्याली बाँज-: बांज पहाड़ के लिए मात्र एक पेड़ भर नहीं, सोचिए उस मंज़र को जब पानी होगा, देखिए BK सामन्त का ये धमाकेदार कुमाउँनी गीत

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ओ_बाँज_झुपर्याली_बाँज .

कुमाऊं के युवा गायक बीके सामंत ने “बाँज”के पेड़ पर एक गीत बनाया है, जो उत्तराखंड में पानी को बचाने के लिए आपको प्रेरित कर रहा है, उनकी यह पहल केवल पेड़ बचाने के लिए नहीं बल्कि पहाड़ का जो पानी है, उसको बचाने के लिए उन्होंने ये गीत बनाया है,

बाँज पहाड़ के लिए मात्र एक पेड़ भर नहीं है जैसा कि आप सभी के लिए भी है वो एक जीवनदायी वृक्ष है , सोचिए उस मंज़र को जब पानी की खानों में ही पानी नहीं होगा तो क्या त्राहिमाम मचेगा , जब मुझे लगा कि मुझे बाँज के वृक्ष्यों पर एक गीत बनाना चाहिए तो मैंने कुमाऊँ की हमारी पारम्परिक लोक धुन पर आधारित इस गीत को चुना , इसकी पहली लाइन ही पारम्परिक है और गीत की बाक़ी लाइनें मैंने लिखी हैं , मेरा यह गीत हर उस पहाड़ वासी व प्रकृति प्रेमी को समर्पित है जो अपना संपूर्ण जीवन प्रकृति को समर्पित कर चुका था है या करने वाला है , तो आइए प्रकृति को संरक्षित करें बाँज ख़ुद ब ख़ुद संरक्षित हो जाएँगे

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