★नरेंद्र पिमोली ★
उत्तराखण्ड के ख़ूबसूरत उपजाऊ खेतों में, उत्तराखंडी लोक वाद्य ‘हुड़के’ की थाप और ‘हुड़किया बौल’ का मधुर संगीत. ‘हुड़के’ की इस थाप पर सामूहिक रूप से धान के पौंधे रोप रही महिलाएं और हल जोतते पुरूष. आज की बात करें तो काफी कुछ बदलता नजर आ रहा है, देवभूमि में कही बेटियां हल लगाती फोटो वायरल होती है,कही जमीन बंजर होती दिख रही है,पहाड़ के किसानों ने अब बैल रखने छोड़ दिये छोटे छोटे टेक्टर से जुताई करते है, कितना बदल गया अपना पहाड़,
हद तो तब हो गयी जब सोशल मीडिया में एक ऐसी वीडियो वायरल हुई उसमें बैलों की जगह घोड़ों से जुताई करते हुए एक वाइरल वीडियो सामने आई,
खबर शेयर कर दिया आप लोगों क धन्यवाद
पहले मिलजुल कर खेती करने के ऐसे नज़ारे उत्तराखंड में आम हैं. लेकिन अब पलायन और सिमटती खेती के शिकार इन गांवों में ज़्यादा लोग नहीं जुटते, क्योंकि कई परिवार गांव छोड़ चुके हैं और कई खेती.बंजर हो गयी…
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक