आज के दिन जौनपुर नैनबाग, जिला टिहरी का प्रसिद्ध मौण मेला मनाया जाता है, मौण का अर्थ है कुछ बेहोशी की हालत में और यह तिमरू की छाल को सुखाकर उसका चूरा जो है नदी/पानी में डाला जाता है और मछलियाँ बेहोश हो जाती हैं और जब वो बेशुद हो जाती हैं तो उनको पकड़ा जाता है, तो यह मौण का मेला जो है अगलाड़ गाड़ में होता है और राजा से पट्टे पर लिए हुए गांव के लोगों के ऐरियाज हैं, उन ऐरियाज में वो इस दिन मच्छी पकड़ते हैं और उनको अपने घरों को ले जाते हैं। यह अब एक पर्व के तौर पर मनाया जा रहा है और स्थानीय लोग बड़े उत्साहपूर्वक इस मेले में भाग लेते हैं। जौनपुर और रंवाई का हमारा क्षेत्र उत्तराखंड की संस्कृति की एक बड़ी धरोहर है। यह जो मौण मेला है, यह हमारी एक अच्छी पहचान है।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक