चूहे-छिपकली से नवजातों को बचाने पूरी रात जागती हैं माताएं…राजधानी दून के अस्पतालों का हाल
कोरोनेशन अस्पताल के जच्चा बच्चा वार्ड में चूहों और कॉकरोच का आतंक है। बुधवार सुबह 11 बजे वार्ड के बाहर कई तीमारदार बैठे नजर आए। तीमारदारों ने बताया, अस्पताल में साफ-सफाई नहीं है। सीलन से दुर्गंध आती है। काॅकरोच, मच्छर, चूहे और छिपकली घूमते रहती हैं।
वार्ड में जाने से डर लगता है। भर्ती प्रसूताएं दहशत में रहती हैं। पूरी रात चूहे, छिपकलियों और कॉकरोच से अपने शिशुओं की सुरक्षा करती हैं। वहीं, दून अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड का भी बुरा हाल है। वार्ड के अंदर सफाई नहीं है। काॅकरोच और चूहे इधर-उधर घूमते रहते हैं। दीवारों में सीलन के कारण मरीजों को समस्या होती है। शौचालय गंदे हैं। एक शौचालय में दरवाजे तक नहीं है। हाथ धोने की जगह पर व्हील चेयर रखी हुई हैं। इससे मरीजों के साथ तीमारदारों को काफी परेशानी होती है।
कॉकरोच और चूहों से नवजात को कैसे बचाएं
नाम न बताने की शर्त पर अस्पताल पहुंची नवजात की नानी ने बताया कि उनकी बेटी की डिलीवरी हुई है। वार्ड में काॅकरोज, मच्छर और चूहे बहुत हैं। इसकी शिकायत डाॅक्टर और अस्पताल के स्टाफ से की। उन लोगों ने साफ बोला वह कुछ नहीं कर सकते हैं। नवजात की खुद ही सुरक्षा करें और पैरों में मोजे पहनाएं।
सीलन की दुर्गंध से वार्ड में जाना भी मुश्किल,
वार्ड के अंदर बहुत सीलन है। दुर्गंध आती है। सीलन के कारण वार्ड में मरीजों को काफी परेशानी होती है। महिला वार्ड के शाैचालय में गंदा पानी भरा रहता है। शौचालय की गंदगी से वहां जाना आसान नहीं होता। रात में स्टाफ की कमी होती है। जरूरत पड़ने पर स्टाफ नहीं आता है।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक