क्या यही है पहाड़ का विकास?: स्कूल जाने के लिए जान का जोखिम, हाथ थाम नदी पार करने को मजबूर छात्र; सिस्टम कर रहा अनदेखी…कहाँ होंगे वो चुनावों के वादे…. एक क्लिक में देखिए पूरी खबर

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अल्मोड़ा के भैंसियाछाना विकासखंड के नागरखान गांव के 15 और स्याल्दे के कैहड़गांव के 60 से अधिक विद्यार्थी हर रोज उफनाई सुयाल और विनोद नदी को एक-दूसरे का हाथ पकड़कर खतरे के बीच पार कर स्कूल पहुंच रहे हैं। सिस्टम की अनदेखी से सभी परेशान है।
पहाड़ में समस्याएं भी पहाड़ जैसी ही जस की तस अभी भी गंभीर हैं। पहाड़ी क्षेत्रों के विद्यार्थी भी इससे अछूते नहीं हैं। मानसून काल में विद्यार्थियों की दिक्कत तब बढ़ती है, जब उन्हें उफनाए नालों और नदियों को जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंचना पड़ता है। राज्य गठन की 24 साल बाद भी अभी पहाड़ की समस्या पर लगाम नहीं लगा पाई सरकार, सरकारी कमरों के AC में बैठकर या बड़े-बड़े अखबारों में लाखों रुपए के इस्तहार देने से पहाड़ का भला नहीं होगा, सरकार को पहाड़ की हकीकत को समझना होगा,

नदियों में पुल न होने से हर साल यही समस्या सामने आती है लेकिन इसका हल नहीं निकाला जाता। सिस्टम की अनदेखी से अल्मोड़ा जिले में भी विद्यार्थियों की भी यही नियती बन चुकी है।

जिले के भैंसियाछाना विकासखंड के नागरखान गांव के 15 और स्याल्दे के कैहड़गांव के 60 से अधिक विद्यार्थी हर रोज उफनाई सुयाल और विनोद नदी को एक-दूसरे का हाथ पकड़कर खतरे के बीच पार कर स्कूल पहुंच रहे हैं। बच्चों के सुरक्षित घर पहुंचने तक अभिभावकों की नजरें रास्ते से नहीं हट रही। खतरा इतना है कि यदि थोड़ी सी भी चूक हुई तो नदियों का तेज प्रवाह सब कुछ बहा ले जाएगा। जलस्तर बढ़ने पर नदी पार करते समय भीगने से विद्यार्थियों को अपने बस्ते में दूसरी ड्रेस की भी व्यवस्था करनी पड़ती है और कई बार विद्यार्थी अपने बस्ते को विद्यालय में जमा कर खाली हाथ घर लौटते हैं। सिस्टम की अनदेखी से विद्यार्थी इन खतरनाक नदियों को पार कर जान जोखिम में डालकर सुनहरे भविष्य के सपने को साकार करने के लिए स्कूल पहुंच रहे हैं।

दोनों नदियों में सालों से स्वीकृत पुल नहीं बने
अल्मोड़ा में सुयाल नदी में उद्यूड़ा और विनोद नदी में कैहड़गांव के पास पुल स्वीकृत हैं। हैरानी है कि सालों बाद भी पुल का अता-पता नहीं है और विद्यार्थियों के साथ ही स्थानीय लोग हर रोज खतरा उठाते हुए तैरते हुए या पानी के बीच पैदल आवाजाही कर इन नदियों को पार कर रहे हैं।

दोनों नदियों में बह चुके हैं लोग

अल्मोड़ा में बीते साल सुयाल नदी को पार करते समय नगरखान की एक छात्रा बह गई थी। संयोग से आसपास के लोगों ने उसे 60 मीटर नीचे बचा लिया। वहीं स्याल्दे मुख्य बाजार का एक व्यापारी अपने घर कैहड़गांव लौटते समय विनोद नदी में बहने से काल के गाल में समा गया।

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