हमारे हिंदू धर्म में शादी से पहले सात फेरे लिए जाते हैं, तब सात जन्मों तक का साथ रहने की पति-पत्नी कसमें खाते हैं। लेकिन, कई युवतियां शादी के सात फेरे लेने के बाद सात दिन तक भी उस पति के साथ नहीं रह रही हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां युवती शादी के सात फेरे लेने के सात दिन बाद ही अपने प्रेमी के साथ चली गई। गौर करने वाली बात यह भी है कि पत्नी अपने पति के सामने ही प्रेमी का हाथ पकड़कर उसकी स्काॅर्पियो कार में फरार हो गई। दोनों का बेचारे पति ने पीछा भी किया और पत्नी को न जाने को कहा, लेकिन उसने एक नहीं मानी। बता दें कि युवती अपने पति को चुड़ियां दिलाने के नाम पर बाजार लाई थी और अपनी पसंद की चुड़ियां खरीदने के लिए पति को बाजार में उलझा दिया और खुद प्रेमी के साथ उसकी स्काॅर्पियो कार में सामने-सामने ही फरार हो गई। हालांकि पति ने बाद में पुलिस को मामले की तहरीर दी तो पुलिस ने आरोपी युवक को अरेस्ट कर लिया है। इस मामले की सीसीटीवी फुटेज में भी प्रेमी युवती के साथ जाते हुए साफ दिख रहे हैं। यही नहीं दुल्हन अपनी शादी के सारे सोने-चांदी के गहने भी साथ ले गयी।
इस युवती की शादी 14 जून 2022 को हुई थी। पूरी घटना बिहार के मुंगेर जिले की कोतवाली थाना क्षेत्र की है। महिला का नाम मोनी कुमारी बताया जा रहा है। 14 जून को उसकी शादी पोद्दार कालोनी निवासी विवेक से हुई थी। शादी के सात दिन तक वह ससुराल में रही। इसके बाद 18 जून को वह अपने घर चली गयी। 21 जून को फिर वह अपने ससुराल आई और 22 जून को अपने प्रेमी के साथ फुर्र हो गयी।
खबरों के अनुसार शिकायत दर्ज कराने के लिए पीड़ित पति अपनी मा और बहन के साथ कोतवाली पहुंचा। पीड़ित विवेक ने पुलिस को बताया कि वह दीनदयाल चैक पर पत्नी को शापिंग करने ले गया था, तभी उसकी पत्नी दूसरे व्यक्ति के साथ सड़क पर खड़ी स्कार्पियो में बैठकर भाग गयी। उसने बताया कि शादी के गहने भी वो साथ ले गयी है। फिलहाल प्रेमी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रहीहै।
मीडिया में आई खबरों के अनुसार दुल्हन ने अपने पति से कहा कि बाजार जाना है, मुझे चूड़ियां और कुछ सामान खरीदना है। इसी बात पर पति उसे बाजार ले गया। पत्नी ने कहा कि आप अपनी पसंद की चूड़ियां दिला दो। इसके बाद पति चूड़ियां ढूंढने में व्यस्त हो गया और दुल्हन पीछे इंतजार कर रहे अपने प्रेमी का हाथ पकड़कर चली गयी। जब तक बेचारा पति उनका पीछा करता तब तक दोनों स्कार्पियो में सवार होकर जा चुके थे।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक