भारतीय संस्कृति से प्रेरित होकर वैदिक रूप से विवाह रचाकर स्टीना वनी रोविता उत्तराखंड के संदीप के साथ साथ फेरे लेकर उत्तराखंड की बहू बनी जर्मनी की युवती
एक ओर हम भारतीय संस्कृति को भूलकर वैस्टर्न कल्चर के पीछे भाग रहे है, वहीं कही विदेशी लोग भारतीय संस्कृति से प्रेरित होकर सनातन संस्कृति को अपना रहे है ऐसा ही एक मामला सीमांत जनपद उत्तरकाशी को देखने को मिला जहां 21 वर्षीय जर्मनी की स्टीना को भारतीय संस्कृति से इतना प्यार हुआ कि उन्होंने यही जीने मरने का फैसला कर लिया दर असल स्टीना 2018 मे योगनगरी ऋषिकेश के एक आश्रम मे योग सीखने के लिए आई थी दो साल तक उन्होंने भारतीय संस्कृति का खूब अध्ययन किया ओर पाया कि यहां के कणकण मे भगवान का वास है क्यों न यही पर साधना की जाए यह बात उन्होंने आश्रम के संचालक एवं अपने गुरु को बताई तो उन्होंने उन्हें यहां विवाह करने के लिए प्रेरित कर संदीप सेमवाल से विवाह का प्रस्ताव दिया फिर कोविड काल मे उनके गुरु स्वर्ग सिधार गये ओर स्टीना जर्मनी चली गयी ओर अपने माता-पिता को उत्तराखंड विवाह करने के लिए राजी करवा लिया आज अपने परिवार के साथ उत्तरकाशी के काशी विश्वनाथ मन्दिर मे वैदिक परंपरा के अनुसार संदीप एवं स्टीना जिसे अब हिन्दू नाम रोविता दिया गया है, एक दूसरे के हुए इस विवाह मे उत्तरकाशी के समाज सेवियों ने रोविता का कन्यादान कर उसे उत्तराखंड की बेटी एवं आदर्श बहू के रूप मे सुखमय जीवन का आशीर्वाद दिया
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक