कुमाऊं ब्रेकिंग न्यूज़ -: अनुसूचित जनजाति समाज की महिला ग्राम प्रधान को जूते की माला पहनाकर अभ्रद्ता करने का वीडियो वायरल, 9 के खिलाफ मुकदमा दर्ज।

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अनुसूचित जनजाति समाज की महिला ग्राम प्रधान को जूते की माला पहनाकर अभ्रद्ता करने का वीडियो वायरल, 9 के खिलाफ मुकदमा दर्ज।
उत्तराखंड के चंपावत जनपद के बनबसा के ग्राम पंचायत गुदमी में बेहद ही शर्मसार करने वाली घटना का वीडियो सामने आया है। जिस वीडियो में कुछ लोगों के द्वारा एक महिला जनप्रतिनिधि को जूते की माला पहनाकर उसके साथ अभ्रद्ता किए जाने का वीडियो वायरल हो रहा है। वहीं अब उक्त मामले में पीड़ित महिला की तहरीर पर बनबसा थाना पुलिस ने महिला से अभद्रता करने वाले नौ लोगों पर एसटीएससी सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।इस पूरे प्रकरण के अनुसार बीते 10 जुलाई को बनबसा ग्राम पंचायत की ग्राम प्रधान विनीता राना ने पुलिस को तहरीर देकर बताया की जब वह बाढ़ आपदा क्षेत्र में राहत सामग्री वितरण करने गई थी।तो इस दौरान कुछ स्थानीय लोगो के द्वारा उसके साथ अभ्रद्ता की गई,साथ ही जाति सूचक शब्दो का प्रयोग किया गया।ग्रामीणों के द्वारा किए गए इस कृत्य से वह बेहद आहत है।साथ ही वह उसके साथ अभद्रता करने वालो के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही चाहती है। वही पीड़ित महिला जनप्रतिनिधि की तहरीर पर बनबसा थाना पुलिस ने उक्त मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए महिला ग्राम प्रधान से अभद्रता करने वाले कुल नौ लोगो पर एसटी एससी सहित विभिन्न धाराओं पर मुकदमा दर्ज कर दिया है।उक्त मामले की विवेचना उच्च अधिकारियों द्वारा पुलिस क्षेत्राधिकारी टनकपुर शिवराज सिंह राणा को सौंपी गई है।फिलहाल थारू जनजाति समाज की महिला ग्राम प्रधान के साथ जूते की माला पहना उनके साथ की गई अभद्रता के मामले की सर्व समाज द्वारा भ्रसना की जा रही है।
जबकि पूरे प्रकरण में बनबसा व टनकपुर के ग्राम प्रधानों ने एसडीएम टनकपुर आकाश जोशी को ज्ञापन सौंप कर जनजाति समाज की महिला ग्राम प्रधान के साथ अशोभनीय कृत्य करने वाले लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई कर जाने की मांग की गई है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के अन्तर्गत गठित राज्य स्तरीय सतर्कता और अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का आयोजन 14 साल बाद किया गया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि इस बैठक का आयोजन हर 06 माह में किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी बैठकों में एससी एवं एसटी आयोग के अध्यक्षों को भी विशेष सदस्य के रूप में आमंत्रित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिये कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अन्तर्गत लंबित मामलों का समयबद्धता से निस्तारण हो, इसके लिए न्यायालयों में नियमित पैरवी की जाय। शिकायतें प्राप्त होने पर एफआईआर की कार्यवाही तत्काल की जाय और पुलिस द्वारा विवेचना तेजी से की जाय। अधिक समय से लंबित मामलों का मिशन मोड पर निस्तारण किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाय की पीड़ितों को अनुमन्य सहायता राशि यथाशीघ्र मिल जाय। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों की समस्याओं का गंभीरता से निस्तारण किया जाए।

मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान निर्देश दिये कि ऐसी व्यवस्था की जाय कि 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर लाभार्थियों को वृद्धावस्था पेंशन लगाने की व्यवस्था का सरलीकरण किया जाए, जिससे उन्हें किसी भी प्रकार की अनावश्यक परेशानी न हो। इसके लिए अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस का भी अध्ययन किया जाए। मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिये कि एससी एवं एसटी वर्ग की विभिन्न योजनाओं का लाभ लाभार्थियों को एक ही प्लेटफार्म पर मिले, इसके लिए एकीकृत व्यवस्था बनाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, की जानकारी के लिए आमजन में समाज कल्याण विभाग और गृह विभाग द्वारा विभिन्न माध्यमों से व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए।

बैठक में वित्त मंत्री श्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और विभागीय योजनाओं के बारे में लोगों को पूरी जानकारी हो इसके लिए जनपद स्तर पर आयोजित बहुउददेशीय कल्याण शिविरों के माध्यम से और विकासखण्ड कार्यालयों में वॉल पेंटिंग एवं फ्लैक्स के माध्यम से भी प्रचार किया जाए।
कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोगों में कार्यों में तेजी लाने के लिए वरिष्ठ अथवा पी.सी.एस अधिकारियों की नियुक्ति की जाए। उन्होंने बैकलॉग के पदों को भरने के लिए और तेजी लाने की बात कही।

बैठक में सचिव समाज कल्याण डॉ. नीरज खैरवाल ने विस्तृत रूप से प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने कहा कि बैठक में जो भी सुझाव प्राप्त हुए हैं, उन सुझावों पर तत्काल अग्रिम कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत पंजीकृत सभी प्रकार के मामलों को वर्गीकृत करते हुए अगली बैठक में विवरण प्रस्तुत किया जायेगा।

बैठक में विधायक श्री खजान दास, श्री दुर्गेश्वर लाल, श्री भूपाल राम टम्टा, श्री फकीर राम, श्रीमती सरिता आर्य, श्रीमती पार्वती दास, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक श्री अभिनव कुमार, विशेष सचिव गृह श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल, अपर सचिव श्री प्रकाश चन्द्र, श्री भगवत किशोर मिश्रा, श्री ओंकार सिंह, निदेशक समाज कल्याण श्री आशीष भटगाई, निदेशक जनजाति कल्याण श्री संजय सिंह टोलिया एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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