उत्तराखंड के लोक गायक, मशहूर पहाड़ी सिंगर प्रहलाद मेहरा का दिल का दौरा पड़ने से निधन…..ऐ जा रे मेरो दानपुरा और आपकी न्योली अमर रहेगी दाज्यू……….

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उत्तराखंड लोक गायक का निधन: मशहूर पहाड़ी सिंगर प्रहलाद मेहरा का दिल का दौरा पड़ने से देहांत, यहां ली अंतिम सांस

नहीं रहे पहाड़ी सिंगर प्रहलाद मेहरा….दिल का दौरा पड़ने से हुआ निधन..ये खबर सुनकर मन बहुत दुखी है। अभी तो आपको पहाड़ के लिए कई गीत गाने थे और हमें आपके कई इंटरव्यू लेने थे…. आज हल्द्वानी में आपका निधन सुनकर पूरे उत्तराखंड जगत में शोक की लहर है। आपने उत्तराखंड को कई गीत दिए…आपकी आवाज में पहाड़ी पन था..आपके गीतों में पहाड़ की आवाज.. अब ये आवाज नहीं सुनाई देगी….
उत्तराखंड के मशहूर लोक गायक प्रहलाद मेहरा का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। बताया जा रहा है कि उन्होंने हल्द्वानी के कृष्णा अस्पताल में अंतिम सांस ली।

पहाड़ी सिंगर प्रहलाद मेहरा का निधन

उत्तराखंड के मशहूर पहाड़ी सिंगर प्रहलाद मेहरा का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। उनके निधन के बाद से उत्तराखंड फिल्म जगत में शोक की लहर है। बता दें कि लोग प्यार प्रहलाद मेहरा को प्रहलाद दा कहकर बुलाते थे। उनके हर एक गीत में पहाड़ का वर्णन होता था।

प्रहलाद मेहरा को बचपन से ही था गाने का शौक

आपको बता दें कि उत्तराखंड के वरिष्ठ लोक गायक प्रहलाद सिंह मेहरा का जन्म चार जनवरी 1971 को पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी तहसील चामी भेंसकोट में एक राजपूत परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम हेम सिंह और माता का नाम लाली देवी है। प्रहलाद सिंह मेहरा को बचपन से ही गाने का शौक था। इसके साथ ही उन्हें वाद्य यंत्र बजाने का शौक भी था। स्वर सम्राट गोपाल बाबू गोस्वामी से प्रभावित होकर वो उत्तराखंडी संगीत जगत में आए थे।

उनकी आवाज के लोग थे दिवाने

लोकगायक प्रह्लाद मेहरा उत्तराखंड के संगीत जगत की मशहूर शख्सियत थे। उन्होंने उत्तराखंड संगीत जगत को कई नए-पुराने सुपरहिट गीत देकर लोगों के दिलों में खास जगह बनाई थी। उनकी आवाज के लोग दिवाने थे। इसके साथ ही उनका ठेठ पहाड़ी अंदाज और उनके गीतों में पहाड़ों की बात लोगों के दिलों में घर कर जाती थी।

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