महिलाओं के स्वरोजगार की ओर बढ़ते कदम
विकास खण्ड दुगड्डा की उतिरच्छा न्याय पंचायत में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अपनी परम्परागत खेती के साथ-साथ रोज-मेरी, कैमोमाइल,लेमन ग्रास आदि की भी खेती कर रहे हैं। इन फ़सलों को बहुत समय से बंज़र पड़े खेतों पर उगाया जा रहा है ताकि बंज़र खेत भी आबाद हो जाय। इन फ़सलों की खास बात यह है कि बंदर, सूअर आदि कोई भी जानवर इन्हें नुकसान नहीं पहुँचाते।
इसी क्रम में मैने भी आज हरेला दिवस के अवसर पर ग्राम सभा रामणी में समूह की महिलाओं ने साथ मिलकर रोजमेरी के पौधे रोपित किये।
इन फसलों से बने उत्पादों की बिक्री के लिए महिलाओं को कहीं बाहर नहीं जाना पड़ता। यहां के स्थानीय बाजारों में ही उन्हें इसकी अच्छी कीमत प्राप्त हो जाती है
बाज़ारों में इन फ़सलों से बने उत्पादों की बहुत मांग है। हर्बल चाय, गरम मसाले बनाने व अगरबत्ती,धूपबत्ती आदि में भी सुगंध के लिए इनका उपयोग किया जाता है।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक