उत्तराखंड के रुड़की और मंगलौर के बीच हरियाणा के कांवड़ियों के हमले में कार्तिक की मौत के बाद सिसौली कस्बे में गम का माहौल है। वह सेना में गुजरात में तैनात था और दो दिन पहले ही कांवड़ यात्रा के लिए ही छुट्टी लेकर आया था। खुशी-खुशी गंगाजल लाने के लिए वह रवाना हुआ था।
सिसौली कस्बे की पट्टी लेपरान निवासी किसान योगेंद्र सिंह का बेटा कार्तिक करीब चार साल पहले सेना में भर्ती हुआ था। इन दिनों कार्तिक की तैनाती गुजरात में थी। परिवार के युवाओं के साथ
कांवड़ लाने के लिए ही उसने छुट्टी ली थी और वह रविवार को ही घर आया था। सोमवार को कस्बे से डाक कांवड़ लाने के लिए कांवड़िए रवाना हुए थे, इनमें कार्तिक भी शामिल था। सभी खुशी खुशी रवाना हुए। मंगलवार सुबह जैसे ही वारदात की जानकारी परिजनों और ग्रामीणों को मिली तो गम का माहौल बन गया।
रुड़की के लिए रवाना हुए सैकड़ों कांवड़
मंगलवार सुबह झगड़े की सूचना मोबाइल के जरिये सिसौली पहुंच गई थी। सैकड़ों लोग रुड़की के लिए रवाना हो गए। इसके अलावा छपार थाने पहुंचकर भी ग्रामीणों ने वारदात की जानकारी ली।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक