उत्तराखंड: चलती बाइक से कूदकर महिला ने बचाई इज्जत, पुलिस पर भरोसा करना पड़ा महंगा
पहाड़ में ऐसी घटनाएं होना वाकई शर्मनाक है। पुलिस जनता की रक्षा के लिए है, लेकिन जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो मदद की उम्मीद किससे करेगी जनता,
एक ऐसा भी समय था जब पहाड़ में बहू-बेटियां बिना किसी डर-झिझक के घरों से बाहर निकल जाती थीं। पुरुषों की तरह हर काम में हाथ बंटा सकती थीं, लेकिन अब जमाना इतना खराब है कि किसी पर भरोसा नहीं किया जा सकता। किसी से मदद की उम्मीद नहीं रखी जा सकती, एक ऐसा ही मामला हल्द्वानी में सामने आया है। एक महिला ने घर छोड़ने के लिए बाइक सवार पुलिस विभाग के फॉलोअर से मदद मांगी। बाइक सवार ने भी हामी भर दी, लेकिन जंगल के सुनसान रास्ते में पहुंचते ही उसकी नीयत खराब हो गई, वो महिला संग छेड़छाड़ करने लगा।
महिला अपनी इज्जत बचाने के लिए चलती बाइक से कूद गई।बताया जा रहा पीड़ित महिला काशीपुर में बतौर हेल्थ ऑफिसर कार्यरत है। महिला ने बताया कि वह निजी पारिवारिक काम से काशीपुर से नैनीताल आ रही थी। इस दौरान कालाढूंगी क्षेत्र में एक पुलिसकर्मी की ओर से दूसरे व्यक्ति को पुलिसकर्मी बताते हुए, रात्रि के दौरान महिला की मदद किए जाने की बात कही, महिला को लगा पुलिस का आदमी है, वो उसके साथ सुरक्षित रहेगी। लेकिन उसे पता नहीं था, जिस पर वह अटूट विश्वास कर रही थी, वही उस पर बुरी नजर डालने वाला है।
कालाढूंगी से करीब 10 किलोमीटर दूर मंगोली व बजून गांव0 के बीच युवक ने महिला के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। महिला बुरी तरह डर गई। उसने युवक को बताया कि वो शादीशुदा है, लेकिन आरोपी नहीं माना वो उसके साथ गलत हरकतें करने लगा। उसकी बातें सुनकर और हरकतों से डरी महिला चलती बाइक से कूद गई, और काफी दूर तक अकेली दौड़ती रही। अंधेरी सड़क में घने जंगल के बीच महिला को एक दुकान देखी। और वहां पहुंचकर महिला ने दुकानदार से फोन मांगा और अपने घर संपर्क किया। इस बीच आरोपी उसे धमकाता रहा। हालांकि यहां लोगों के बीच पहुंची महिला किसी तरह अपनी इज्जत बचाने में सफल साबित हुई। पहाड़ में इस तरह की घटनाएं होना वाकई शर्मनाक है। पुलिस जनता की रक्षा के लिए है, लेकिन जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो मदद की उम्मीद किससे करें। घटना के बाद मल्लीताल कोतवाली पहुंचे स्थानीय लोगों ने जमकर हंगामा किया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक