देहरादून में आज मनाया गया बिरुड़ पंचमी का पर्व, दो दिन तक सातूं-आठू, ऐसे शुरू हुई परंपरा

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प्रकृति और संस्कृति से जुड़ा पर्व मानते हैं लोग- कमल रजवार
कूर्माचल परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष कमल रजवार ने बताया कि कुमाऊं में सातों ऑठो और पश्चिमी नेपाल में गौरा महेश्वर के रूप में इस पर्व को मनाया जाता है कहा जाता है कि जब पार्वती भगवान शिव से नाराज होकर मायके आती हैं ,तो शिवजी उन्हे वापस लेने आते हैं घर वापसी के इसी मौके को गौरा देवी की विदाई के रूप में मनाया जाता है स्थानीय लोग इसे प्रकृति और संस्कृति से जुड़ा पर्व भी मानते हैं कूर्माचल परिषद के गठन का उद्देश्य भी यही है की की प्रकृति ओर सँस्कृति से जुड़े पर्व अगली पीढ़ी तक पहुंचे।
कूर्मांचल सास्कृतिक एवं कल्याण परिषद शाखा प्रेम नगर द्वारा श्री नीलकंठ महादेव मंदिर राघव बिहार प्रेमनगर में सातू आठू महोत्सव मनाया जा रहा है
सातू आठू खासकर कुमाऊं क्षेत्र में गौरा महेश्वर के आगमन का हफ्ता होता है पहले यानी पंचमी को बिरूड़ (पांच किस्म के अनाज का मिश्रण) पानी में भिगोकर घर के मंदिर में रख दिए गए हैं
ये बीरूड़े अगस्त्य तारे के उदय के साथ सप्तमी को धोये जाते है
बीरूड़े महादेव का पसंदीदा नाश्ता है चुंकि उनका अपना ससुराल यानी मां पार्वती (गौरा)के मायके आगमन हो रहा है अतः उनके स्वागत की तैयारी चल रही है
खेतों में से धान के पुष्ट होते पौधे से गमारा और महादेव बनाए जाते हैं और उन्हें गांव के पूर्व निर्धारित घर में स्थापित कर दिया जाता है तब तक रोज खेल यानी चांचरी लगेगी जो एक सामूहिक नृत्य होता है जिसमें सभी महिला पुरुष गोल घेरे में लोक गीत” रामगाड़ राम डोल घम घम भल बाज छ”गाते हुए विशेष पद संचालन के साथ चक्कर दायरे घेरे में झूमते झूमते घूमते हैं
कुछ दिन ससुराल में बिताकर महादेव को विदा दे दी जाती है। और सभी गांव वासी गांव के अंतिम सीमा पर स्थित मंदिर में पूर्व में स्थापित गौरा महेश्वर की आकृतियों को वहां छोड़ आएंगे
ऑठू के दौरान कई स्थानीय मंदिरों में मेले भी लगते हैं
यह बरसातों के ढीला पड़ने के दिनों का फसल पूर्व उल्लास का समय है।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि गीता धामी (पत्नी मा0 मुख्यमंत्री )विधायक सहदेव सिंह पुन्ड़ीर उनकी धर्मपत्नी बबिता पुन्ड़ीर,काग्रेसी नेता आर्यन्द्र शर्मा,केंद्रीय अध्यक्ष कमल रजवार,महासचिव गोविंद पांडेय,सांस्कृतिक सचिव बबिता साह लोहानी,शाखा संरक्षक हरि सिंह बिष्ट,शाखा अध्यक्ष भगवान सिंह रावत,सचिव हंसा धामी कैलाश फर्तियाल, नरेंद्र धामी, रमेश धामी, जगदिस बोरा, पुष्पा भट्ट, आनंदी चंद, जानकी बिष्ट, गंगा धामी, मीना महर हरिना बिष्ट

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