सहकारिता विभाग में भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता की शिकायत पर संबंधित अधिकारियों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। डीसीबी देहरादून में महाप्रबंधक वंदना श्रीवास्तव का सेवा विस्तार समाप्त कर दिया गया।
सहकारिता बैंक भर्ती घोटाला, जांच पूरी होने से पहले प्रबन्धक रही वंदना श्रीवास्तव अपने ऊपर हुई एक तरफा कार्रवाई पर फुट फुट कर रो पडीं कहा ईमानदारी से काम किया, मिली सजा !
मामले में सचिव सहकारिता मीनाक्षी सुंदरम की ओर से जारी आदेश के अनुसार जिला सहकारी बैंक, देहरादून, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और ऊधमसिंह नगर में चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती में हुई अनियमितता के संबंध में शासन की ओर से नियुक्त कमेटी जांच कर रही है।
विपक्ष ने गंभीर आरोप लगाए थे कहा यहां रिश्तेदारों को नौकरियां बांटी गई है, लेकिन कहीं पर रिश्तेदार ही नाराज है? वो इसलिए कि उनसे पैसों की खुली डिमांड नही कर पा रहे थे।
जिन पदों के लिए न ही कोई विज्ञप्ति निकाली गई और न ही कोई लिखित परीक्षा हुई। बस दिखावे के लिए फिजिकल टेस्ट करवाया गया और उसके बाद सीधे इंटरव्यू से नियुक्ति।
तो साफ जाहिर है कि ऐसी स्थिति में धांधली होना स्वभाविक ही है।
उत्तराखण्ड में सहकारिता विभाग की ओर से जिला सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता उजागर होने और जांच शुरू होने के बाद पहली गाज चार जिलों के जिला सहायक निबंधक (एआर) और चार महाप्रबंधकों (जीएम) पर गिरी है।
चारों एआर और तीन महाप्रबंधकों का तबादला कर दिया गया है, जबकि डीसीबी देहरादून की महाप्रबंधक का सेवा विस्तार समाप्त कर दिया गया है। बता दें कि बुधवार के अंक में अमर उजाला ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था। सहकारिता मंत्री डॉ.धन सिंह रावत के निर्देश पर शासन ने इस मामले की जांच शुरू कराई है, जो जारी है। जांच प्रभावित न हो, इसको देखते हुए शासन की ओर से इन अफसरों को हटाया गया है।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक