PRD जवानों के लिए हरीश रावत का छलका दर्द और कहीं ये बड़ी बात
मैं PRD के जवानों से मिलने गया था, जिनमें हमारी बेटियां भी हैं, हमारे बेटे भी हैं और ये सब लोग सरकार की योजना के तहत 2016 में चयनित हुये थे और इनकी संख्या करीब 9,000 के लगभग है, जिसमें से महिलाओं की संख्या 600 के आस-पास है और इनको तब से काम नहीं दिया जा रहा है, काम नहीं सौपा जा रहा है जो अप्रशिक्षित लोग हैं जिनसे चोर दरवाजे से काम लिया जा रहा है और ये एक गलत परंपरा है कि आप एक योजना के तहत लोगों को प्रशिक्षण देते हैं, अभी हॉटीकल्चर के बच्चें हैं उनको भी प्रशिक्षण दिया गया है, प्रशिक्षण के बाद उनको नियुक्ति में कहीं भी प्राथमिक नहीं मिल रही है और वही स्थिति PRD के हमारे बेटे और बेटियों के साथ किया जा रहा है जो बहुत गलत है और सरकार का यह बहुत अनुचित कदम है। मैं तो अभी यही कह सकता हूँ कि सरकार होश में आये और इनसे बातचीत कर इनकी समस्या का समाधान करे, जो बिलकुल न्यायोचित लगती है और मैं इनसे वादा करता हूँ कि यदि कांग्रेस की सरकार आई, उसको मैं प्रवाहित करने की स्थिति में रहा तो हम इस काम को आपकी प्राथमिकता के अनुसार करवाएंगे और अभी इनको इस ठण्ड में इस तरीके से धरनारत देखकर के बहुत तकलीफ हो रही है, जो शक्ति राज्य को बढ़ाने में लगनी चाहिये थी, वो शक्ति जो है फुटपाथों पर इस तरीके से धक्के खा रही है, यह चिंता का विषय है।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक