★ नरेंद्र पिमोली ★
हल्द्वानी: कुमाऊं में पहाड़ की कई सब्जियां और फल ऐसे होते है जो लोगों के सेहत के लिए फायदेमंद मानी होती हैं. आज आपको पहाड़ की एक ऐसी ही पहाड़ी सब्जी के बारे में बता रहे हैं, जिसकी जाड़ो में काफी डिमांड बढ़ जाती.पहाड़ की लटपटी सब्जी की नाम गडेरी है. गडेरी जाड़ों में खाई जाने वाले लोकप्रिय सब्जी है. इसके फायदे भी चौकाने वाले हैं. ये फाइबर, प्रोटीन, पोटैशियम, विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम और आयरन से भरपूर होती है. इसके अलावा इसमें भरपूर मात्रा में एंटी-आक्सीडेंट भी पाए जाते हैं.
पहाड़ की गडेरी को पूरे भारत में अलग-अलग हिस्से में अलग-अलग नाम से जाना जाता है. गढ़वाल में पिण्डहलु भी बोलते है,और कही इसे अरबी भी कहा जाता है. कुछ लोग इसके पत्तों की पकौड़ी बनाकर खाना पसंद करते हैं तो कुछ इसकी सब्जी, कई जगहों पर तो इसे व्रत में फलाहार के रूप में भी खाते हैं.
बाजार में आजकल गडेरी लगभग ₹35 से ₹40 किलो बिक रही है, लेकिन डिमांड अधिक होने के चलते हैं, इसकी आपूर्ति भी पूरी नहीं हो पा रही है. गडेरी का उत्पादन सबसे ज्यादा अल्मोड़ा, बागेश्वर,पिथौरागड़, चंपावत,चमोली गढ़वाल मुनस्यारी,कुमाऊं के काफी इलाकों में होता है. इसके अलावा पिथौरागढ़, नैनीताल में भी गडेरी उगाई जाती है.
गडेरी की सब्जी पहाड़ में जाड़ों भर खाई जाती है. गहत की दाल में भी गडेरी डाली जाती है. गडेरी की सब्जी में भांग के दानों के बीज को पीस कर और छान कर डाला जाता है, जिससे सब्जी की तासीर गर्म हो जाती है.
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक