आज उत्तराखण्ड पुलिस कु SDRF का 9वां स्थापना दिवस है। वर्ष 2013 की भीषण श्री केदारनाथ आपदा के पश्चात उत्तराखण्ड राज्य में राज्य आपदा प्रतिवादन बल(SDRF) की स्थापना हुई थी। स्थापना के वर्ष से ही अपने कार्य की मूल भवना के अनुरूप एस. डी. आर. एफ द्वारा पर्वतीय प्रदेश की जीवनशैली को अस्त व्यस्त कर देने वाली प्रत्येक छोटी बड़ी आपदा,भूस्खलन, सड़क दुर्घटना,जल रेस्क्यू, चारधाम यात्रा,कैलाश मानसरोवर यात्रा,कांवड़, महाकुम्भ इत्यादि में अपना विशिष्ट योगदान दिया है।
वर्ष 2014 में जनपद रुद्रप्रयाग में अपने प्रथम व्यवस्थापन के टेन्ट से शुरू हुआ यह बल आज राज्य के प्रत्येक जनपद में कर्तव्य पथ पर तत्पर है। प्रदेश से बाहर जाकर अन्य राज्यों में भी रेस्क्यू कार्य मे अपना योगदान देना एवं प्रशस्ति प्राप्त करना इस अलप अवधि की यात्रा की विशिष्टता को रेखांकित करता है। स्थापना से लेकर निरन्तर यह बल अधिकाधिक सामर्थ्यवान हो रहा है, अल्प अवधि में ही इस बल ने जनता,प्रशासन एवं पुलिस विभाग में अपने समर्पण, अनुशासन व उच्चकोटि की कार्यदक्षता से अमिट छाप छोड़ी है। अपनी समस्त कठिनाइयों, संघर्षो ,उपलब्धियों एवं बलिदानों से भरे सफर को मन में सँजोये हुए प्रत्येक अधिकारी/कर्मचारी आज गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
SDRF द्वारा वर्ष 2013 में गठन के पश्चात की महत्वपूर्ण उपलब्धियां:-
चारधाम यात्रा को पुनः व्यवस्थित करने में महत्वपूर्ण योगदान-
वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद वर्ष 2014 में पुनः राज्य सरकार द्वारा चारधाम यात्रा को सफल एवं सुरक्षित बनाने हेतु विभिन्न प्रयास किये गए। जिसमे SDRF की प्रशिक्षित टीम को उपकरणों से सुसज्जित कर यात्रा के जटिल मार्गो में नियुक्त किया गया जिससे आने वाले श्रद्धालुओं/यात्रियों के मन मे सुरक्षा का भावना सुदृढ़ हुई।
माँ नंदा देवी राजजात यात्रा को सकुशल सम्पन कराना- श्री नंदा देवी राजजात यात्रा में उच्च तुंगता वाले निर्जन व अति दुर्गम स्थानों में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा करते हुए यात्रियों के भोजन व ठहरने की व्यवस्था भी की गई, जिससे प्रथम बार यात्रा में मृत्यु दर शून्य रही।
वनाग्नि नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका- वर्ष 2016 से राज्य में वनाग्नि से राज्य के वनों में आग लगने से वन संपदा को अत्यधिक हानि पहुँची, जिसे नियंत्रित करने में SDRF द्वारा महत्वपूर्ण योगदान दिया गया।
रेस्क्यू कार्य- SDRF द्वारा गठन के पश्चात से वर्तमान समय तक राज्य के सभी जनपदों में 1888 रेस्क्यू कार्यो के माध्यम से 8726 लोगो का जीवन सुरक्षित किया है साथ ही 1361 शवों को विभिन्न दुर्घनाओं में से निकाला है।
अन्य प्रदेशों में रेस्क्यू कार्य- SDRF द्वारा अन्य प्रदेशों जैसे पटना, बिहार, आंध्रप्रदेश, हरियाणा, उत्तरप्रदेश इत्यादि राज्यो में महत्वपुर्ण रेस्क्यू कार्य किये गए।
जनजागरूकता व प्रशिक्षण अभियान-
SDRF द्वारा राज्य भर में गठन के पश्चात से ही व्यापक स्तर पर जनजागरूकता अभियान चलाये जा रहे है। जिसके माध्यम से अनेक कार्यकारी संस्थाओं जैसे पुलिस, पीआरडी, होमगार्ड, वनसेवक, महिला मंगल दल, रेडक्रोस, आपदा सेवक, स्थानीय जनता, स्कूली छात्र-छात्राओं लगभग 3,50,000 से अधिक लोगो को जागरूक व प्रशिक्षित किया गया है।
पर्वतारोहण अभियान- SDRF द्वारा एक मॉन्टेनीरिंग टीम हेतु सदस्यों को चयनित कर अनेक प्रशिक्षण केंद्रों में उच्च तुंगता प्रशिक्षण कराया गया। टीम के सदस्यों द्वारा माउंट भगीरथी II, सतोपंथ, एवरेस्ट, गंगोत्री I इत्यादि का सफलतापूर्वक आरोहण किया गया।
कोविड महामारी के दौरान महत्वपूर्ण कार्य- जरूरतमंदों को भोजन पैकेट, मास्क व सेनेटाइजर का वितरण, लोकडाउन के दौरान राज्य से बाहर फंसे लाखों राज्य निवासियों को सकुशल गृह राज्य वापसी, अनेकों परिवारो को राशन की होने डिलीवरी, SDRF वाहिनी में स्थापित कोविड हेल्प लाइन सेंटर के माध्यम से लाखों कॉलरो की समस्याओं का निस्तारण व उच्चाधिकारियों को प्रेषण, कोविड-19 से बचाव हेतु प्रशिक्षण व जागरूकता, कोविड केअर सेंटर में सहयोग, आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी, कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग द्वारा कोरोना प्रसार में रोकथाम, होम आइसोलेशन में कोविड संक्रमित से संपर्क
● कोविड काल मे मेडिसिन किट की होम डिलीवरी जिसके माध्यम से 10000 से अधिक मेडिसिन किट का वितरण किया गया।
● कोविड संक्रमित शवों का दाह संस्कार- SDRF द्वारा राज्य भर में 205 कोविड संक्रमित शवो का दाह संस्कार किया गया।
● कोविड से सुरक्षा के दृष्टिगत 20 गांवों को गोद लिया गया जिसके अंतर्गत ग्रामवासियों को जागरूक करने के साथ ही मास्क, सेनेटाइज, मेडिसिन किट वितरण व आवश्यकतानुसार राशन वितरण किया गया।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक