भूस्खलन के डर से रात में सो नहीं पा रहे कौंज गांव के 45 परिवार, दहशत में जी रहे लोगों का छलका दर्द
ग्रामीणों का कहना है कि अभी भी गांव के निचले हिस्से में भूस्खलन हो रहा है जिससे यहां रह हरे परिवारों में दहशत है। वहीं पैदल रास्ते के क्षतिग्रस्त होने से उन्हें गदेरे से आवाजाही करनी पड़ रही है।
आपदा प्रभावित कौंज गांव के ग्रामीणों की मुसीबत कम नहीं हो रही है। गांव के निचले हिस्से में अभी भी भूस्खलन हो रहा है, जिससे ग्रामीणों में डर का माहौल है। गांव में रह रहे 45 परिवार बारिश होने पर रतजगा कर रहे हैं। आपदा के डर से यहां रह रहे परिवार विस्थापन की मांग कर रहे हैं।
गांव के बरसाती गदेरे में बाढ़ आने से पैदल रास्ते और कई हेक्टेयर कृषि भूमि बह गई थी। वहीं कौंज पोथनी से डुंगरी गांव को जोड़ने वाला पैदल पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया था। ग्रामीणों का कहना है कि अभी भी गांव के निचले हिस्से में भूस्खलन हो रहा है जिससे यहां रह हरे परिवारों में दहशत है। वहीं पैदल रास्ते के क्षतिग्रस्त होने से उन्हें गदेरे से आवाजाही करनी पड़ रही है।
गांव के निचले हिस्से में लगातार भूस्खलन हो रहा है। बांसडीप तोक में बड़े-बड़े बोल्डर भी गदेरे में बह गए हैं, जिससे जमीन खिसक रही है। धूप में भी भूस्खलन हो रहा है। जिसे देखते हुए ग्रामीणों ने गांव को विस्थापित करने की मांग उठाई है। – दीपा देवी, अध्यक्ष, महिला मंगल दल
टूटे रास्तों से आवाजाही करने में जोखिम बना हुआ है। अभी भी ऊपर बड़े-बड़े पत्थर अटके हुए हैं, जो कभी भी नीचे आकर भारी तबाही मचा सकते हैं, इसके डर से लोग रात भर सो नहीं पा रहे हैं। गांव के सिंचित खेत धीरे-धीरे भूस्खलन की जद में आ रहे हैं।
कौंज गांव में गदेरे से भूस्खलन हो रहा है। प्रशासन की टीम ने गांव का स्थलीय निरीक्षण भी कर लिया है। ग्रामीणों को भारी बारिश के दौरान सुरक्षित स्थानों में शरण लेने के लिए कहा गया है। मौसम सामान्य होने पर भूस्खलन क्षेत्र का ट्रीटमेंट किया जाएगा। इसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी गई है। –
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक