कनोल गांव इनदिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. ग्रामीणों ने अपने नौनिहालों का भविष्य खेल में देखते हुए श्रमदान कर खेल मैदान का काम शुरू कर दिया है, जो अंतिम पड़ाव पर है. हैरानी इस बात की भी है कि इस खेल के मैदान को तैयार करने में पुरुषों से अधिक भागेदारी महिलाओं की है, ऐसे में ग्रामीणों के इस प्रयास को सोशल मीडिया पर भी खूब सराहना मिल रही है.
बात सीमा जनपद चमोली के दूरस्थ विकासखंड घाट के कनोल गांव की हो रही है. जो हिमालय की तलहटी में बसा विकासखंड का अंतिम गांव है. ग्रामीणों के प्रयासों से गांव में इन दिनों बमुश्किल सड़क तो पहुंच गई लेकिन, नंदाकिनी नदी में अभी पुल न बनने से ग्रामीण पैदल ही आवाजाही करते हैं.
गाँव के बड़े सयाने लोगों ने बताया कि यहां बच्चों के लिए खेलने के लिए मैदान नहीं था. खेल मैदान बनवाने को लेकर कई बार युवा कल्याण विभाग से भी कहा गया लेकिन जब विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई तो ग्रामीणों ने खुद श्रमदान से खेल मैदान बनाने की ठान ली. ऐसे में अब खेल मैदान बनकर तैयार हो चुका है. इस मैदान में बच्चे वॉलीबॉल, बैडमिंटन, कबड्डी, खो खो जैसे खेल सकते हैं और अपना भविष्य खेलों में बना सकते हैं.
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक