पंचायत चुनाव डबल वोटर लिस्ट मामला, निर्वाचन आयोग को सौंपी गई 500 कैंडिडेट्स की सूची, जानिये अब क्या होगा? –
देहरादून: उत्तराखंड में दोहरी वोटर आईडी वाले प्रत्याशियों का भविष्य क्या होगा? इस पर सभी की निगाहें बनी हुई हैं. उधर याचिकाकर्ता ने राज्य के 500 ऐसी प्रत्याशियों के नाम आयोग को सौंप दिए हैं, जिनके नाम दो वोटर लिस्ट की सूची में शामिल हैं. याचिकाकर्ता ने आयोग से मांग की है कि पंचायती राज एक्ट के अनुसार ऐसे प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने की अनुमति न दी जाए.
प्रदेश में 12 जिलों के लिए होने वाले पंचायत चुनाव बेहद दिलचस्प हो गए हैं. हाईकोर्ट में लगी याचिका के आधार पर पहले जहां चुनाव को स्टे किया गया था, तो अब मामला दोहरी वोटर आईडी वाले प्रत्याशियों की वैधता पर आकर टिक गया है. हालांकि, चुनाव के नोटिफिकेशन को लेकर पूर्व में हुए असमंजस के बाद कोर्ट ने आयोग को चुनाव करवाने की अनुमति दे दी थी. स्टे भी हटा लिया गया था. इसके बाद चुनाव पर असमंजस तब गहराने लगा जब एक दूसरी याचिका में दोहरी वोटर आईडी रखने वाले प्रत्याशियों को चुनाव से बाहर रखने की बात कही गई.
इस मामले में खास बात यह है कि अब याचिकाकर्ता ने 500 ऐसे प्रत्याशियों के नाम आयोग को देने का दावा किया है जो दोहरी वोटर लिस्ट में शामिल हैं. याचिकाकर्ता शक्ति बर्त्वाल ने कहा कि हाईकोर्ट ने स्पष्ट तौर पर इसके लिए दिशा निर्देश दिए हैं. पंचायती राज एक्ट में भी इसके लिए स्पष्ट उल्लेख है लेकिन इसके बावजूद भी राज्य निर्वाचन आयोग ने रिटर्निंग ऑफिसर्स को इससे संबंधित कोई भी दिशा निर्देश जारी नहीं किए हैं. ऐसे में यदि इसका पालन नहीं होता है तो वह हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर करेंगे.
उधर, दूसरी तरफ राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त सुशील कुमार कहते हैं कि अभी फिलहाल यह पूरा मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है. ऐसे में इस प्रकरण पर कुछ भी आयोग की तरफ से कहना ठीक नहीं है. हाईकोर्ट की तरफ से जिस तरह के भी आदेश आयोग को प्राप्त होंगे उसी के अनुसार चुनाव करवाए जाएंगे.
इस मामले में असमंजस इसलिए भी बना हुआ है क्योंकि पंचायती राज एक्ट यह स्पष्ट करता है कि दोहरी वोटर आईडी वैध नहीं है. लिहाजा ऐसे प्रत्याशियों का चुनाव लड़ने की स्थिति में भविष्य में मामला न्यायिक रूप से फंसने की भी संभावना बनी रहती है. जाहिर है कि पंचायत चुनाव में बतौर प्रत्याशी शामिल होने वाले लोगों को भी मौजूदा स्थिति में आयोग के फैसले और हाईकोर्ट में चल रहे वाद से असमंजस पैदा हो गया है. उधर हाईकोर्ट में अगली तारीख अगस्त महीने की दे दी गई है, जबकि आयोग ने भी चुनाव प्रक्रिया को जारी रखा है.
राज्य निर्वाचन आयोग के रुख से यह स्पष्ट है कि फिलहाल इस मामले में हाईकोर्ट के किसी स्पष्ट आदेश का इंतजार किया जाएगा. प्रकरण पर अभी दोहरी वोटर आईडी वाले प्रत्याशियों पर किसी तरह का कोई कदम उठाए जाने की संभावना कम नजर आ रही है.
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक