बागेश्वर उपचुनाव में भाजपा की प्रत्याशी पार्वती दास ने कांग्रेस के प्रत्याशी बसंत कुमार को 2405 वोटों के अंतर से हरा दिया। उत्तराखंड की सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चुनाव प्रचार के दौरान इस बात का दावाकिया था कि शिव की नगरी में पार्वती कीजीत होगी। जिस पर जनता ने भी मुहर लगा दिया है।
बागेश्वर उपचुनाव में भाजपा की प्रत्याशी पार्वती दास को 33247 जबकि कांग्रेस के बसंत कुमार को 30842 वोट मिले। इस तरह से कांग्रेस के बंसत कुमार दूसरे नंबर पर रहे। लेकिन सबसे ज्यादा चौंकाने वाले आंकड़े नोटा के सामने आए हैं। बागेश्वर की जनता ने नोटा का भी जमकर प्रयोग किया है। 1257 लोगों ने नोटा, इनमे से कोई नहीं,दबाया। इस तरह से नोटा तीसरे नंबर पर रहा।
उत्तराखण्ड क्रान्ति दल के अर्जुन कुमार देव को 857 वोट, समाजवादी पार्टी के भगवती प्रसाद को 637 और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के भगवत कोहली को 268 मत पड़े। पोस्टल बैलेट में भाजपा को को 781 मत मिले। जबकि कांग्रेस को 697 मिले। इसके अलावा 19 मत युकेडी को, 5 मत उपपा को, 11 मत सपा को और 25 मत नोटा को मिले
चार बार के विधायक और कैबिनेट मंत्री रहे चंदन राम दास के निधन के बाद हुए उपचुनाव में भाजपा ने उनकी पत्नी पार्वती दास को मैदान में उतारा। लेकिन इस बार चुनाव दूसरे चुनावों से बिल्कुल अलग नजर आया। कांग्रेस ने भाजपा को जबरदस्त टक्कर दी। कांग्रेस के बसंत कुमार ने भाजपा की पार्वती दास को पहले दो राउंड में पिछाड़ा।
तीसरे राउंड में एक वोट से पार्वती दास आगे निकली। इसके बाद 8 वें राउंड से 14 राउंड तक वे 2 हजार वोटों का अंतर बनाने में कामयाब रही। हालांकि बीच में कई बार मतों का अंतर कम होता दिखा और आखिर में पार्वती दास 14वें राउंड में 2405 वोटों के अंतर से जीत गईं। भाजपा बागेश्वर में चंपावत उपचुनाव का रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाई। इससे पहले 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के चंदन राम दास ने कांग्रेस के रंजीत दास को 12141 मतों के अंतर से हराया था।
उत्तराखंड के 23 साल के इतिहास में बागेश्वर समेत 15 उपचुनाव हो गए हैं। इनमें से 14 बार सत्ता पक्ष ने जीत दर्ज की। सिर्फ एक बार उत्तराखंड क्रांति दल ने कांग्रेस की सरकार रहते उपचुनाव में जीत दर्ज की थी। इस तरह भाजपा इस बार रिकॉर्ड कायम रखने में कामयाब हुई है।
बागेश्वर सीट की बात करें तो पहले विधानसभा चुनाव 2002 में कांग्रेस के राम प्रसाद टम्टा ने भाजपा के नारायण राम दास को 2177 वोटों से हराया। वर्ष 2007 दूसरे विधानसभा में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए चंदन राम दास को भाजपा ने टिकट दिया।
तब चंदन राम दास कांग्रेस के कैबिनेट मंत्री राम प्रसाद टम्टा को 5890 वोटों से पटकनी देकर पहली बार विधानसभा में पहुंचे। तीसरे 2012 के विधानसभा चुनावों में दास ने कांग्रेस के राम प्रसाद टम्टा को 1911 मतों से हराया। 2017 के विधानसभा चुनावों में चंदन राम दास ने कांग्रेस के नए चेहरे बालकृष्ण को 14567 मतों के अंतर से पराजित किया। 2022 में भाजपा के चंदन राम दास ने कांग्रेस के रंजीत दास को 12141 मतों के अंतर से हराया था।
उत्तराखंड में I.N.D.I.A. गठबंधन का भी चुनाव में कुछ खास असर नहीं दिखा। बागेश्वर उपचुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने अपने अपने प्रत्याशी को मैदान में उतारा था। जबकि उत्तराखण्ड क्रान्ति दल और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी दोनों क्षेत्रीय दल भी चुनावी मैदान में थे, हालांकि कोई भी जमानत नहीं बचा पाया।
आंकड़ों पर एक नजर
कुल मतदाता 118264
महिला मतदाता 58188
पुरुष मतदाता 60076
मतदान कुल 65570
महिला 37170
पुरुष 28400
कुल महिला मत प्रतिशत 63.88
कुल पुरुष मत प्रतिशत 47.27
किसको कितने वोट
भाजपा की प्रत्याशी पार्वती दास को 33247
कांग्रेस के बसंत कुमार को 30842 वोट मिले
1257 लोगों ने नोटा(इनमे से कोई नहीं) दबाया
उत्तराखण्ड क्रान्ति दल के अर्जुन कुमार देव को 857 वोट
समाजवादी पार्टी के भगवती प्रसाद को 637 वोट
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के भगवत कोहली को 268 मत पड़े।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज हरिद्वार दौरे पर रहे जहां पर उन्होंने बागेश्वर उपचुनाव में मिली भाजपा की जीत की खुशी जाहिर करते हुए बागेश्वर की जनता का धन्यवाद किया तो वहीं सनातन धर्म पर की जा रही विवादित बयान बाजी को लेकर पुष्कर सिंह धामी ने कहा यह आईएनडीआईए गठबंधन की मानसिकता को दर्शाता है कि इस गठबंधन की कितनी गंदी सोच है उनके बयानों की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है
बागेश्वर की जनता लगातार भारतीय जनता पार्टी को आशीर्वाद देती रही है यह जीत मातृ शक्ति को समर्पित है इसी के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि में बागेश्वर की जनता को यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि जो विश्वास उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर दिखाया है और जो सपने स्वर्गीय चंदन राम दास जी के थे उनको पूरा करने का कार्य बीजेपी सरकार द्वारा किया जाएगा।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक