उत्तराखंड का पंचायत चुनाव में इस बार युवा प्रत्याशियों का बोलबाला देखने को मिल रहा है। नई सोच के साथ अपने गांव, क्षेत्र, जिले को आगे बढ़ाने को लेकर गांव की 7 युवा महिलाएं मैदान में उतरी हैं।
अब उनका भाग्य का फैसला आने वाले 24 जुलाई को पेटी में बंद हो जाएगा…
राज्य का त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव युवाओं के लिए राजनीति की प्राथमिक पाठशाला बन गया है। प्रधान, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत सदस्य के पद पर बुजुर्गों को देखने की परंपरा को इस बार कुलाऊं के युवा बदलने को बेताब हैं। उनके गांव-क्षेत्र में नई सोच के साथ विकास कराने के सपने हैं।
में युवा महिलाओं को मिलेगा मौका तो मारेंगे विकास का चौका
इन युवा महिला प्रत्याशियों का चुनाव लड़ने का मकसद केवल नेता बनना नहीं बल्कि अपने गांव में विकास का अलग आयाम स्थापित करना है। उनका कहना है कि निश्चित तौर पर क्षेत्र में कई नए काम किए जा सकते हैं। वह अपने क्षेत्र में अस्पताल, शमशान घाट, बुजुर्गों, दिव्यांगों की पेंशन, खेल का मैदान, पार्क, कॉलेज बनवाना चाहते हैं। बुजुर्गों को अब चुनाव लड़ने की जरूरत नहीं, हम उनका प्रतिनिधित्व करेंगे और उनकी देखभाल करेंगे। सरकारी योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाएंगे।
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इन महिलाओं की सबसे बड़ी पीड़ा है, हमारे घर गांव की दुकानों में शराब बिकती है,और हमारा पहला प्रयास रहेगा कि हम उसे बंद करा सकें,
हालांकि गांव में “आदर्श ग्राम सभा कुलाऊं” के नाम से बना व्हाट्सएप ग्रुप मैं गांव के युवाओं ने सभी प्रत्याशियों की राय भी ली है सभी प्रत्याशियों ने गांव की विकास के लिए अपनी अपनी बातें रखी, और कहां हम गांव को एक आदर्श गांव बनाएंगे
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक