जय माँ भगवती -: पय्याँ गाँव में 17 अगस्त से होगी सौपाती…कुलाऊं में आठों को लेकर पहली बैठक आज… बड़े बुजुर्ग करंगे दिन तय…

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पय्याँ गाँव में भादो महीने की पहली तारीख से होगा भव्य सौपाती मेला, गाँव की संस्कृति को संजोने में जुटे ग्रामवासी…

कुलाऊं गांव में आठों की पहली बैठक आज… बैठक में गांव के बड़े बुजुर्ग लेंगे फैसला…
आठों की तैयारी को लेकर आज होगा तारिक का ऐलान…

आठों को भब्य रूप देने के लिए गांव के युवा जल्दी करंगे महिला मंगलदल का गठन ….

पय्याँ गाँव में भादो महीने की पहली तारीख से होगा भव्य सौपाती मेला, गाँव की संस्कृति को संजोने में जुटे युवा, बुजुर्गों ने प्रवासी ग्रामीणों से भी की अपील

बागेश्वर जनपद के गरुड़ ब्लॉक के ग्राम सभा पय्याँ से एक सुखद खबर सामने आ रही है। जहाँ पूरे प्रदेश में इस समय चुनावी सरगर्मी अपने चरम पर है, वहीं पय्याँ गाँव के युवाओं ने अपनी प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने की एक अनूठी मिसाल पेश की है। इस वर्ष आने वाले भादो माह की पहली गते, अर्थात 17 अगस्त 2025 से पय्याँ गाँव में सौपाती मेले का आयोजन बड़े धूमधाम से किया जाएगा। सौपाती मेला इस क्षेत्र की एक समृद्ध परंपरा रही है, जो गाँव के सामाजिक ताने-बाने को और मजबूत करने के साथ-साथ लोक कला, संगीत और रीति-रिवाजों को भी जीवंत बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है।

इस आयोजन की सबसे खास बात यह है कि गाँव के युवा वर्ग ने स्वयं इसकी पहल की है। वे अपने रीति-रिवाज, नृत्य, गीत-संगीत व पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित करने के लिए दिन-रात जुटे हुए हैं। उनकी इस कोशिश में गाँव के बुजुर्गों और महिलाओं का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। बुजुर्ग अपनी स्मृतियों से पुरानी परंपराओं को साझा कर रहे हैं, ताकि युवा उन्हें ठीक उसी रूप में आगे बढ़ा सकें। वहीं महिलाएं भी पारंपरिक पकवानों की तैयारियों में जुट गई हैं, जो मेले की विशेष पहचान होते हैं। गाँव के बुजुर्गों ने अपने गाँव से बाहर, देश-विदेश में रहकर नौकरी या व्यवसाय कर रहे पय्याँ गाँव के प्रवासी युवाओं से अपील की है कि वे इस बार अपने व्यस्त जीवन से समय निकालकर गाँव आएँ और इस सौपाती मेले को भव्य व ऐतिहासिक बनाने में अपना योगदान दें। उनका मानना है कि मेले जैसे आयोजन ही गाँव की आत्मा होते हैं, जो गाँव से दूर बसे लोगों को भी अपनी मिट्टी से जोड़े रखते हैं। मेले में लोक गीतों और नृत्यों की प्रस्तुतियाँ, पारंपरिक खेल, सांस्कृतिक झांकियाँ, तथा स्थानीय व्यंजनों के स्टॉल मुख्य आकर्षण होंगे। इसके अलावा गाँव के बच्चों के लिए भी विशेष कार्यक्रम रखे जाने की योजना है, जिससे वे भी अपनी संस्कृति को नजदीक से समझ सकें। गाँव के प्रधान और आयोजक समिति ने सभी ग्रामीणों, प्रवासियों और आसपास के गाँवों के लोगों से इस मेले में सपरिवार सम्मिलित होने और इसे सफल बनाने की अपील की है।

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