बागेश्वर से बड़ी खबर -: हाइड्रोपावर कंपनी की बड़ी लापरवाही से महिला की मौत, शव लेकर हाइड्रो पावर कंपनी में 20 घण्टे तक डटे रहे ग्रामीण …..

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कपकोट के तिमिला बगड़ की महिला की मौत के मामले में हाइड्रोपावर कंपनी के परिसर में चल रहा ग्रामीणों का धरना 20 घंटे बाद समाप्त हुआ। पूरी रात ग्रामीण महिला का शव लेकर धरने पर डटे रहे।

Bageshwar News: 20 घंटे तक शव लेकर हाइड्रो पावर कंपनी में डटे रहे ग्रामीण, नदी के तेज बहाव में बह गई थी महिला

कपकोट के तिमिला बगड़ की महिला की मौत के मामले में हाइड्रोपावर कंपनी के परिसर में चल रहा ग्रामीणों का धरना 20 घंटे बाद समाप्त हुआ। पूरी रात ग्रामीण महिला का शव लेकर धरने पर डटे रहे।

कपकोट के तिमिला बगड़ की महिला की मौत के मामले में हाइड्रोपावर कंपनी के परिसर में चल रहा ग्रामीणों का धरना 20 घंटे बाद समाप्त हुआ। पूरी रात ग्रामीण महिला का शव लेकर धरने पर डटे रहे। विधायक सुरेश गढि़या की मध्यस्थता के बाद कंपनी मुआवजा देने पर राजी हुई और मुआवजे की रकम चुकाने के बाद ग्रामीणों ने धरना खत्म किया। करीब 29 घंटे बाद ग्रामीणों ने महिला का सरयू नदी के तट पर अंतिम संस्कार किया।

बीते बृहस्पतिवार की सुबह करीब 11:30 बजे सरयू नदी में कपड़े धोने गई विमला देवी की बहने से मौत हो गई थी। ग्रामीणों ने विमला की मौत के लिए उत्तर भारत हाइड्रोपावर कंपनी को जिम्मेदार बताया। ग्रामीणों का कहना था कि कंपनी की ओर से बिना सायरन बजाए डैम से पानी छोड़ दिया गया।

अचानक जलस्तर बढ़ने से महिला तेज बहाव में बह गई थी। पहले ग्रामीणों ने सीएचसी में हंगामा किया। पुलिस ने किसी तरह ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शव पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा। पोस्टमार्टम के बाद ग्रामीण शव लेकर सीधे हाइड्रोपावर कंपनी में पहुंचे और धरना शुरू कर दिया। ग्रामीणों के धरने को देखते हुए कंपनी में भी कामकाज बंद कर दिया गया।

शाम पांच बजे शुरू किया था धरना
ग्रामीणों ने बृहस्पतिवार शाम पांच बजे कंपनी परिसर में महिला के शव के साथ धरना शुरू कर दिया था। इस दौरान पुलिस-प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद रही। देर शाम एसडीएम अनुराग आर्य और पुलिस उपाधीक्षक अंकित कंडारी भी पहुंच गए। ग्रामीणों को समझाने का दौर चलता रहा, लेकिन वे 50 लाख रुपये मुआवजा और एक व्यक्ति को नौकरी देने की मांग पर अड़े रहे। ग्रामीणों का कहना था कि महिला की मौत कंपनी की लापरवाही के कारण हुई है। जब तक न्याय नहीं मिलेगा, धरना जारी रहेगा। पूरी रात ग्रामीण कंपनी के जेनरेशन प्लांट के आगे धरने पर डटे रहे।

विधायक ने पहुंचकर संभाला मोर्चा
शुक्रवार को विधायक सुरेश गढि़या मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों के साथ कंपनी के प्रबंधक और कर्मचारियों से वार्ता की। ग्रामीणों की मांग के अनुसार कंपनी के मालिक से फोन पर बातचीत की। विधायक ने कहा कि कंपनी की लापरवाही से महिला की मौत हुई है तो कंपनी को उचित मुआवजा भी दिया जाना चाहिए। कंपनी के मालिक से वार्ता के बाद मुआवजे की राशि तय की गई और ग्रामीणों ने दोपहर एक बजे धरना समाप्त किया।

कंपनी को हुआ 25 लाख से अधिक का नुकसान
उत्तर भारत हाइड्रो पावर कंपनी के महाप्रबंधक कमलेश जोशी ने बताया कि आपसी बातचीत के बाद समझौता हो गया है। प्रभावित परिवार को दस लाख रुपये मुआवजे के तौर पर दिए जा चुके हैं। कंपनी की ओर से पूरे गांव का बीमा करवाया गया है। प्रभावित परिवार को बीमा की राशि भी प्रदान की जाएगी। परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी देने की बात भी चर्चा में आई, हालांकि महिला के पति ने नौकरी करने से इनकार कर दिया। उन्हाेंने बच्चों के पालन-पोषण का हवाला देते हुए स्वेच्छा से नौकरी की पेशकश को नामंजूर किया। बताया कि ग्रामीणों के धरने के बाद से कंपनी के बिजली जेनरेशन प्लांट में कार्य बंद हो गया था। कार्य बाधित होने से 25 लाख रुपये से अधिक का कंपनी को नुकसान हो गया है।

कंपनी की लापरवाही से महिला की मौत को लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश था। आपसी बातचीत से मामले को सुलझा लिया गया है। कंपनी को मानकों और नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन को समझौते का पालन कराने को कहा गया है।
-सुरेश गढि़या, विधायक, कपकोट।

टैक्सी यूनियन

विमला मर्तोलिया की मृत्यु के मामले में शुक्रवार को पिंडारी टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष दयाल बड़ती और भराड़ी टैक्सी यूनियन अध्यक्ष विवेक कोरंगा ने भी टैक्सी चालकों से बंद का आह्वान किया था। कुछ चालकों ने दोपहर तक अपने वाहन बंद रखे। वहीं भराड़ी के व्यापार मंडल अध्यक्ष बृज मोहन ऐठानी और कपकोट व्यापार मंडल अध्यक्ष तारा कपकोटी ने भी व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रखने की अपील की थी जिसके चलते आधे दिन तक कुछ व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान भी बंद रखे।

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