सुन्दरढूंगा ग्लेशियर क्षेत्र में गये 06 लोग जो विगत दिनों हुई भारी बारिश एवं बर्फबारी के कारण सुंदरढूंगा ग्लेशियर देवीकुण्ड में हताहत एवं लापता हो गये थे, जिनके खोजबीन एवं रेस्क्यू कार्य हेतु जिलाधिकारी बागेश्वर एवं पुलिस अधीक्षक के निर्देशन से क्षेत्र में गई एसडीआरएफ की टीम एवं अन्य सदस्यों द्वारा खोजबीन एवं रेस्क्यू कार्य कर लिया गया है।
खोजबीन एवं रेस्क्यू के दौरान पाचों व्यक्ति मृत पाये गए, जिनके शव एसडीआरएफ एवं अन्य सदस्यों द्वारा कड़ी मसक्कत एवं मेहनत करने के बाद शवों का रेस्क्यू कार्य कर लिया गया है। मृतकों के शवों को सेना के 02 हेलीकॉप्टरों के माध्यम से हेलीपैड केदारेश्वर मैदान कपकोट में उतारा गया व उन्हें कपकोट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया। जहां पाचों व्यक्तियों की शिनाख्त उनके परिजनों द्वारा की गई तथा पाचों व्यक्तियों का पोस्टमार्टम एवं पंचनामा की कार्यवाही की जा रही है।* मृतक व्यक्तियों में पश्चिम बंगाल के जिला हावड़ा बागनान के निवासी सागर दे उम्र 27 वर्ष, चंद्रशेखर दास 32, सरित शेखर दास 35 तथा प्रीतम राय उम्र 27 जो राजघाट जिला नदिया के निवासी थे तथा सादान बसाद उम्र 63 जो कोलकत्ता बिहाला के निवासी थे, सभी की पहचान उनके परिजन सुब्रोतो दे, अभिजीत राय एवं विश्वजीत दास द्वारा की गई।
एसडीआरएफ टीम के कपकोट हैलीपैड पहुँचने पर जिलाधिकारी महोदय बागेश्वर व पुलिस अधीक्षक बागेश्वर ने सभी का हौसला अफजाही करते हुए कहा कि सभी रेस्क्यू टीम के सदस्यों द्वारा कठिन परिस्थितियों में भारी बर्फबारी में कड़ी मेहनत कर रेस्क्यू कार्य कर हताहत हुए लोगों के शव निकाले गये हैं जिसके लिए उन्होंने सभी टीम के सदस्यों का आभार व्यक्त एवं धन्यवाद ज्ञापित किया।
सुन्दरढूंगा ग्लेशियर में लापता स्थानीय गाइड खिलाफ सिंह को रेस्क्यू दल द्वारा काफी खोजबीन करने के बाबजूद भी कही भी पता नहीं चल पाया। जिलाधिकारी महोदय एवं पुलिस अधीक्षक महोदय बागेश्वर द्वारा लापता खिलाफ सिंह के परिजनों से मुलाकात की गई तथा खिलाफ सिंह की खोजबीन हेतु रेस्क्यू अभियान आगे भी जारी रहने के सम्बंध में आस्वस्थ किया गया।
*रेस्क्यू टीम में एसडीआरएफ के दीपक पंत, हृदेश परिहार, बिजेंद्र कुडीयाल, दीपक नेगी, श्रीकांत नोटियाल, यशपाल, अभषेक मंडोली एवं कैलाश परगाई तथा गाइड रोहित शाह, बाछम गांव के निवासी जय सिंह एवं गंगा सिंह तथा जातुली के निवासी भागवत सिंह एवं शेर सिंह रेस्क्यू टीम में शामिल थे।*
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक